सीएम योगी ने लगाई सरकारी अधिकारियों के लिए ये बड़ी रोक, अब नहीं…

लखनऊ। कोरोना महामारी को काबू में करने के लिए देशभर में जहां कोशिशें हो रही हैं, वहीं सरकारों के सामने आर्थिक हालात को भी काबू में करना एक चुनौती बन गया है। इस महामारी की वजह से दुनियाभरर की अर्थव्यवस्थाएं बेपटरी हो गई हैं। सरकारों को राजस्व का जबरदस्त नुकसान हो रहा है। ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन अप्रत्याशित स्थितियों से निपटने के लिए सरकारी विभागों के अधिकारियों के लिए कुछ बड़े ऐलान किए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, संजीव मित्तल ने नए मितव्ययी उपायों की एक सूची जारी की है। वह वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाई गई एक समिति के प्रमुख भी हैं। मित्तल ने कहा कि जैसा कि राज्य के राजस्व में भारी गिरावट दर्ज की गई है, मितव्ययी उपायों का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

उन्होंने कहा कि राज्य में कोई महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू नहीं की जाएगी। सरकारी अधिकारियों द्वारा एक्जीक्यूटिव क्लास में कार खरीदने और हवाई यात्रा पर भी प्रतिबंध होगा। इसके अलावा सरकारी खर्चों पर प्रभावी जांच के लिए कोई नया पद सृजित नहीं किया जाएगा। दौरे करने के बजाय अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें करने की सलाह दी जाएगी।

अधिकारियों को सम्मेलनों, सेमिनारों और बैठकों के आयोजन के लिए लक्जरी होटल का उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि सेमिनारों और बैठकों के लिए व आयोजनों के लिए सरकारी भवनों का उपयोग किया जाए। अधिकारियों को उन पदों की पहचान करने के लिए कहा गया है जो प्रौद्योगिकी के आगमन के कारण अप्रचलित हो गए हैं और कर्मचारियों को कहीं और तैनात किया जा सकता है।

हालांकि, मौजूदा निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा करने की अनुमति होगी, लेकिन किसी भी नए निर्माण कार्यों को शुरू नहीं किया जाएगा। विभिन्न विभागों में सलाहकारों और चेयरपर्सन की नियुक्ति भी रोक दी गई है। फंड की कमी को देखते हुए केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी किस्तों में दी जाएगी।

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