सीएम अखिलेश ने महाविद्यालयों के शिक्षकों को दी ये बड़ी सौगात

उत्तर प्रदेश के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्रोन्नति से वंचित हजारों शिक्षकों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुशियों की सौगात दी है तथा ए0पी0आई0 के भूतलक्षी प्रभाव से मुक्ति दिला दी है। आज दिनांक-22.11.2016 को इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा शासनादेश (संख्या-10/2016/2015/सत्तर-1-2016 (114)/2010) जारी कर दिया गया है।

नियमों में विरोधाभास होने के कारण उ0 प्र0 के हजारों शिक्षकों की प्रोन्नतियां बाधित थीं, लुआक्टा द्वारा लम्बे समय से सरकार से प्रोन्नति के सम्बन्ध में कट आफ डेट बढ़ाये जाने की मांग की जा रही थी तथा विगत    11 सितम्बर, 2016 को लुआक्टा के कार्यक्रम में लुआक्टा द्वारा शिक्षकों की समस्याओं की ओर इनका ध्यान आकृष्ट किया गया था।

जिसमें मुख्य मंत्री द्वारा शिक्षकों की समस्याओं का यथाशीध्र निस्तारण हेतु आश्वासन दिया था। लुआक्टा उ0 प्र0 के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव  एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार मा0 शारदा प्रताप शुक्ल  को धन्यवाद दिया। लुआक्टा अध्यक्ष डां0 मनोज पाण्डेय ने कहा कि समाजवादी सरकार द्वारा हमेशा शिक्षक हित में निर्णय लेती रही है एवं अब शिक्षक  मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव का ऋणी है कि उन्होने महाविद्यालय के शिक्षकों की पीड़ा को समझा एवं वर्षो से बाधित प्रोन्नति का तोहफा शिक्षकों को प्रदान किया है। लुआक्टा यह आशा करती है कि शिक्षको की अधिवर्षिता आयु एवं महाविद्यालय के शिक्षको सहित शिक्षकों को प्रोफेसर पद तथा अन्य समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान हो जायेगा।

सूच्य है कि उ0प्र0 के शिक्षकों की प्रोन्नति के सम्बन्ध में यू0जी0सी0 द्वारा 30 जून 2010 को नियमन जारी कर दिया गया था, जिसमें प्रोन्नति के संम्बन्ध में ए0पी0आई0 की गणना के आधार पर शिक्षकों की प्रोन्नतियां होनी थीं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा परिनियमावली में संशोधन 3 दिसम्बर 2013 को किया गया एंव इस प्रक्रिया में  28 मई 2015 को शासनादेश द्वारा जारी किया गया।

पांच वर्षो के बाद जारी प्रक्रिया में ए0पी0आई0 की गणना नियमों को पीछे से लागू किया गया जिसके कारण शिसकों की प्रोन्नतियां बाधित हो गयी। इस सम्बन्ध में लुआक्टा द्वारा कई बार आन्दोलन किया गया तथा बार-2 सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया, जिसके कारण सरकार से कई बार वार्ता हुई किन्तु नतीजा सिफर रहा। ए0पी0आई0 की गणना के अतिरिक्त शिक्षकों को प्रोन्नति हेतु ओरियेन्टेशन, रिफ्रेशर एवं शार्ट-टर्म कोर्स किया जाना था। स्पष्ट नियमों के अभाव में शिक्षकों द्वारा समय से उक्त कोर्स नही किया जा सका जिसके कारण प्रोन्नतियां बाधित हो गयी।

शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए विगत सेवाओं की गणना हेतु कट ऑफ डेट 30 जून 2010 निर्धारित की गई, जिसे लुआक्टा की मांग पर राज्य सरकार द्वारा अब 28 मई 2015 कर दिया गया है। इस शासनादेश के आ जाने के पश्चात् अब  28 मई 2015 तक महाविद्यालयों के शिक्षकों की प्रोन्नति पुराने नियमों के अनुसार होगी तथा ए0पी0आई0 से 28 मई 2015 तक मुक्त रहेंगे। पूरे देश में उत्तर प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जिसमें शिक्षकों के हित में कट ऑफ डेट 28 मई 2015 तक कर दिया है। आज लुआक्टा अध्यक्ष डा0 मनोज पाण्डे के नेतृत्व में प्रदेश भर के शिक्षकों ने माननीय उच्च शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार       शारदा प्रताप शुक्ला का आभार प्रकट किया तथा अभिनन्दन किया।

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