समिति तय करे कब तक और किसे मिलना चाहिए आरक्षण

नयी दिल्ली। आरक्षण पर हो रही सियासत के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने एक सुझाव दिया है। भागवत ने कहा कि इस मामले पर एक समिति बनाई जानी चाहिए जो यह तय करे कि आरक्षण की जरुरत किसको है। साथ ही यह समिति समीक्षा करे और ये तय करे कि कितने लोगों को और कितने समय तक आरक्षण की जरूरत है।
भागवत ने कहा कि ऐसी समिति में राजनीतिज्ञों से ज्यादा ‘सेवाभावियों’ को महत्व दिया जाना चाहिए। संघ प्रमुख का यह बयान उस वक्त आया है जब गुजरात में पाटीदार और राजस्थान में गुर्जर सहित कई क्षेत्रों में कई जातियों के लोग आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
संघ के संरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संगठन के मुखपत्रों पांचजन्य और आर्गेनाइजर में दिए साक्षात्कार में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि संविधान में सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग पर आधारित आरक्षण नीति की बात का उल्लेख है. आरक्षण वैसा होना चाहिए जैसा की संविधानकारों के मन में था।
भागवत ने कहा कि हमारा मानना है कि इसके लिए एक समिति बने जो ये तय करे कि कितने लोगों के लिए आरक्षण आवश्यक है और कितने दिनों तक उसकी जरूरत पड़ेगी। संघ प्रमुख ने कहा कि प्रजातंत्र की कुछ आकांक्षाएं होती है लेकिन दबाव समूह के माध्यम से किसी की मांग को पूरा करने के लिए दूसरों को दुखी नहीं किया जा सकता है। ऐसे उपाय निकालने चाहिए जिससे सब सुखी हों। उन्होंने कहा कि देश के हित में हमारा हित है, यह सबको समझकर चलना चाहिए।