सबसे ज्यादा कालाधन डॉक्टरों और इंजीनियरों के पास!

black-money-56137c973addd_lकेंद्र सरकार द्वारा विदेशों में जमा कालेधन का खुलासा करने के लिए दिए गए 90 दिनों के समय में जिन 638 नामों का खुलासा हुआ है। उसमें सबसे ज्यादा संख्या डॉक्टर, इंजीनियर और बड़ी कंपनियों में काम कर चुके सीनियर मैनेजर्स के हैं। इनमें कुछ ऐसे लोग भी है जो पहले विदेश में थे लेकिन अब भारत में बस गए हैं। 
 
हांलाकि यह पता नहीं चल सका है कि इनमें से किसके पास कितनी रकम थी। सरकार के मुताबिक अब तक कुल 4,147 करोड़ के कालेधन का खुलासा हो चुका है।
 
इस बार की संपत्ति खुलासे की व्यवस्था पिछली स्कीम से अलग है। पिछली बार रिटर्न फाइल करने वालों में ज्यादातर कंपनियां, ट्रस्ट और ज्वॉइंट फैमिली थे लेकिन इस बार व्यक्तिगत लोगों की संख्या ज्यादा है।
 
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो 90 के दशक में अपने पूरे परिवार सहित अमरीका चले गए थे दो साल पहले ही भारत वापस लौटे हैं। 
 
उनके पास अमरीका के यूएस बैंक में लगभग 5 लाख डॉलर जमा थे और कुछ शेयर न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों में लगे हैं। इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने टैक्स एडवाइजर को बताया कि उसे अगर इन सबके लिए 30 फीसदी टैक्स चुकाना हो ते भी वह चुकाएगा पर वह इस स्कीम में का फायदा उठाना चाहते हैं।
 
दूसरा मामला दिल्ली के दो डॉक्टरों का हैं, जिन्होंने विदेश में 13 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की बात का खुलासा किया है। इन्होंने लंदन में रियल एस्टेट में उस समय पैसे लगाए थे जब किसी भारतीय नागरिक को विदेशों में रियल संपत्ति खरीदने की इजाजत नहीं थी।
 
हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि जो एनआरआई भारत में आकर बसे हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है। जरूरी नहीं है कि वह ब्लैक मनी ही हो, ये पैसे वह संपत्ति है जो उन्हें विदेश में रहने के दौरान मिले थे।

 

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