शुरू से ही गुटबाजी और असंतोष से जूझ रही कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ीं, सैलजा के आने से पहले झटका

 शुरू से ही गुटबाजी और असंतोष से जूझ रही कांग्रेस की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। चुनाव प्रचार चरम पर है और इसके नेता पाला बदल रहे हैं। बुधवार को प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की जनसभा के दौरान मंच पर जिले के कई बड़े नेता नजर नहीं आए। इसराना से टिकट नहीं मिलने पर रणदीप सुरजेवाला की कट्टर समर्थक शालिका कुराना ने पार्टी छोड़ दी। परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गईं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जो हाल कांग्रेस का इस बार नजर आ रहा है, वह पहले कभी नहीं रहा। उधर, दिनभर राजनीतिक गतिविधियां तेज रहीं। समालखा में दुष्यंत चौटाला ने कई लोक-लुभावन वादे किए।

विधानसभा चुनाव जोड़ तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। स्टार प्रचारकों ने जनसंपर्क तेज कर दिया है। पानीपत, समालखा व इसराना के 20 किलोमीटर के क्षेत्र में पूरा दिन राजनीति के समीकरण बदलते दिखे। कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने शिव चौक पर शहरी प्रत्याशी संजय अग्रवाल के समर्थन में जनसभा की। यहीं से 2014 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुल्लेशाह का चुनाव अभियान शुरू किया था। तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इसराना से टिकट की दावेदार थीं शालिका कुराना

कांग्रेस को इसराना हलके में बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की खासमखास शालिका कुराना अपने समर्थकों सहित कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। कृष्णलाल पंवार ने उनको पटका पहना कर पार्टी में शामिल कराया। पंवार ने बुधवार को आदियाना, अटावला, अहर, कुराना, खलीला, जौधन कला व जौधन खुर्द, बलाना, मांडी व पलड़ी गांवों का दौरा किया। सफीदों के पूर्व विधायक कलीराम पटवारी ने भी जनसभाओं को संबोधित किया। वह टिकट न मिलने पर पार्टी से नाराज चल रही थीं। शालिका ने कहा कि उन्होंने 24 फरवरी को गांव कुराना में रणदीप सिंह सुरजेवाला की जनसभा कराई थी। पार्टी ने टिकट का भरोसा दिया था। वहां अब आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है।

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