वेश्यावृत्ति की अजीबों-गरीब कहानी; नर्क में रहकर देती हैं मर्दों को असली खुशी

जी हाँ!! वेश्यावृत्ति एक ऐसी जिंदिगी जो की नर्क से भी बदतर मानी जाती है लेकिन मर्दों को असली ख़ुशी उसी नर्क में मासूम सेक्स वर्कर्स से मिलती है| वेश्यावृत्ति नाम सुनकर ही दिमाग में एक अजीब सी बुरी छवि बन जाती है। इसे ऐसा पेशा मानते है जहाँ एक बार इस दलदल में फंस जाने के बाद किसी भी महिला के लिए बाहर निकलना ना मुमकिन सा होता है। ऐसे तो पूरे विश्व में वैश्यावृत्ति फैली हुई है।

वेश्यावृत्ति की अजीबों-गरीब कहानी; नर्क में रहकर देती हैं मर्दों को असली खुशी

लेकिन मुस्लिम देशों की उस लिस्ट में एक देश का नाम काफी मशहूर है जहाँ वेश्यावृत्ति को लीगल माना जाता है। जी हां ये सच है वो देश है बांग्लादेश। इस देश में तंगेल जिले के कांडापारा वेश्यालय को देश का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा वैश्यालय माना जाता है।

जो लगभग 200 साल पुराना है। लेकिन कहा जाता है कि इसे 2014 में तबाह कर दिया गया था फिर भी स्थानीय गैर सरकारी संगठनों ने इसे दुबारा शुरू किया। सबसे खास बात तो ये है कि यहाँ की महिलाएं भी कोई दूसरा काम नहीं करना चाहती। यहाँ तक की महिलाओं ने खुद ही सेक्स वर्कर्स के रूप में अपने अधिकारों की मांग को सामने रखा।

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इसके बाद सभी सेक्स वर्कर्स अपने घर पहुँच गई। और वैश्यालय के माहौल में ढ़लती चली गई। आज भी जब यहां कोई छोटी लड़की आती है, तो उसे एक बंधुआ की तरह रखा जाता है। फिर जैसे ही ये लड़कियां 12 से 14 साल की हो जाती है तो इन्हें धंधे में उतार दिया जाता है। ये महिलाएं केवल आदेश पर काम करती है। वो तब त‍क यहां आदेश पर काम करती हैं जबतक उनका कर्ज न चुकता हो जाए।

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कर्ज चुकता होने के बाद वे खुद अपने ग्राहक को चुनने का निर्णय भी ले सकती हैं। इसके बाद वो चाहे तो इस दलदल से आजाद भी हो सकती है। लेकिन कई सालो तक इस माहौल में रहने के बाद वे खुद भी इससे अलग नहीं होना चाहती।

 

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