विधान सभा चुनावः पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरी सेना

cm-in-bihar_1443245017पटना. कुरूक्षेत्र सज चुका है। सेनाएं अपनी मोर्चा पकड़ ली है। अक्तूबर के पहले सप्ताह से रणक्षेत्र में हमले का सिलसिला तेज होने की संभावना है। अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही चुनावी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उतरेंगी। इससे पहले लालू, नीतीश, सुशील मोदी आज से अपनी सेना के साथ चुनावी मैदान में कूदेंगे।
 
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा रविवार से चुनाव प्रचार करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के वरीय नेता अपने अपने चुनाव प्रचार के लिए शनिवार की सुबह ही निकल गए हैं। लालू प्रसाद रविवार को अपने बेटा के विधान सभा से चुनाव प्रचार करेंगे।
 
रामविलास पासवान फिलहाल टिकट वितरण में व्यस्त हैं, इस कारण उनका चुनाव प्रचार में फिलहाल देर है। इन दिग्गजों के चुनाव मैदान में आने से प्रदेश की चुनावी तल्खी बढ़ा गई है।
 
आज पहले चरण के चुनाव के 49 सीटों पर नाम वापसी की अन्तिम तारीख है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समस्तीपुर से अपनी चुनावी सभा की शुरूआत करेंगे, वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी मोहनियां से अपनी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे।
लालू प्रसाद प्रदेश के सभी 243 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे। इसके लिए उनके लिए एक अलग से हेलिकाप्टर की सेवा ली जाएगी।
 
फिलहाल लालू नीतीश की सभाएं अलग अलग हैं, लेकिन संभव हैं कि संयुक्त सभाएं भी हो। वैसे कांग्रेस की ओर से अपने सीटों पर लालू और नीतीश की सभा के लिए भी समय मांगा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अक्तूबर से प्रदेश में चुनावी सभा होगी। प्रदेश में प्रधान मंत्री की एक दर्जन से ज्यादा सभाएं होगी।
 
इसी प्रकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तीन अक्तूबर को और राहुल गांधी आठ अक्तूबर को अपनी चुनावी सभा करेंगे। इन दोनों नेताओं के भी प्रदेश में एक दर्जन सभा की संभावना है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रविवार से चुनावी रथ पर सवार होंगे। वे सबसे पहले कुटुम्बा में अपनी सभा करेंगे। यहां से संतोष कुमार सुमन चुनाव लड़ रहे हैं।
 
वाम दल भी प्रचार अभियान से दूर नहीं हैं। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य हनान मौल्ला 6 और 7 अक्तूबर को बेगूसराय और खगड़िया का दौरा करेंगे। प्रदेश में फिलहाल लालू और नीतीश की सभा की मांग ज्यादा है।

 

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