
भोपाल । राजधानी के हाइसिक्युरिटी जोन स्थित विंध्याचल भवन में की पांचवीं मंजिल स्थित कृषि संचालनालय में रविवार शाम आग लग गई। आग की सूचना पर पुलिस और फायर बिग्रेड अमला मौके पर पहुंच तो गया, लेकिन धुएं के भारी गुबार के कारण उसे बिल्डिंग में घुसने में काफी परेशानी हुई। किसी तरह अंदर घुसे बचाव दल ने ड्राय केमिकल पाउडर (डीसीपी) का उपयोग कर आग पर काबू पा लिया।
आगजनी में कृषि संचालनालय की बीज शाखा में रखीं विधानसभा के सवाल-जवाबों संबंधी फाइलें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया है। विंध्याचल भवन में दो साल में आगजनी की यह दूसरी घटना है। पूर्व कृषि संचालक डॉ. डीएन शर्मा के खिलाफ जांच के बीच बीज शाखा में आग लगने से सवाल खड़े हो गए हैं।
जहांगीराबाद सीएसपी सलीम खान के मुताबिक रविवार शाम करीब 5.10 बजे विंध्याचल भवन के सुरक्षा कर्मियों ने कंट्रोल रूम को पांचवीं मंजिल से धुआं निकलने की सूचना दी। टीम के साथ इलाके में रांड पर होने के कारण सबसे पहले वे ही मौके पर पहुंचे थे। पूरी बिल्डिंग में धुआं होने के कारण अंदर जाने में काफी परेशानी हुई।
फायर बिग्रेड की टीम के पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले पांचवीं मंजिल की खिड़कियों के शीशे तोड़े। इसके बाद ड्राय केमिकल पाउडर पूरे ऑफिस में छिड़ककर आग पर काबू पा लिया। कुछ देर में आग पूरी तरह बुझने पर धुआं भी छंट गया। नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सका था। पुलिस फायर कंट्रोल रूम की आधा दर्जन दकमलें मौके पर तो पहुंची, लेकिन उनके उपयोग कीर जरूरत नहीं पड़ी।
स्विच बोर्ड से दहकी आग
सीएसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट सामने आया है। ऑफिस के कक्ष के पंखे का स्विच ऑन रह गया था। आग उसी बोर्ड से होते हुए पूरे ऑफिस में फैल गई। सीएसपी ने बताया कि हालांकि एफएसएल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आग के कारणों की आधिकारिक पुष्टि की जा सकेगी।
क्या है डीसीपी
फायर बिग्रेड आग बुझाने के लिए पानी, फॉम और डीसीपी का उपयोग करती है। डीसीपी छिड़कने से आग का ऑक्सीजन से संपर्क नहीं हो पाता, जिससे आग भड़कना बंद हो जाती है। छोटी आग के लिए डीसीपी का ही उपयोग किया जाता है।
बीज घोटाले की चर्चा गर्म
कृषि संचालनालय की बीज शाखा में आग लगने से एक बार फिर बीज घोटाले की चर्चा गर्म हो गई है। धार, रतलाम, सागर सहित कुछ अन्य जिलों में बीज अनुदान में घोटाले की शिकायतों पर कृषि विभाग ने ही जांच कराई थी। इसमें दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की फाइलें चल रही हैं। पूर्व कृषि संचालक डॉ. डीएन शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त में संकर मक्का की बीज खरीदी का मामला चल रहा है।
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद विशेष पुलिस स्थापना जांच कर रही है। ऐसे में बीज शाखा में आग लगने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर, मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने आग लगने की घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। द्विवेदी का कहना है कि इस पहले भी विंध्याचल भवन के विकास आयुक्त कार्यालय में आग लग चुकी है, जिसमें कई अहम फाइलें जलकर खाक हो गई थीं।
दो साल बाद भी पता नहीं चल पाया कैसे लगी थी आग?
इससे पहले 28 नवंबर, 2013 की देर रात भी विंध्याचल भवन के दूसरे माले पर स्थित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (विकास आयुक्त कार्यालय) में अचानक भीषण आग लग गई थी। आग स्थापना शाखा में लगी थी और दफ्तर के 40 कमरों में आग फैल गई थी। जिनमें से दो दर्जन कमरे पूरी तरह आग की चपेट में आ गए थे। उनमें बजट शाखा, स्थापना शाखा और विकास शाखा तो पूरी तरह जलकर राख हो गई थी।
आयुक्त विकास कार्यालय में 6 आउटसोर्स विभाग भी लगते थे। उनका रिकॉर्ड भी जलकर राख हो गया था। अब तक आगजनी के कारणों का पता नहीं चल पाया है। आगजनी के बाद मौके से लिए गए नमूने जांच के लिए पहले हैदराबाद भेजे गए थे। यहां नमूनों की जांच करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया गया था की इसकी जांच सीएफएसएल से क्यों करा ली। इसके बाद नमूने चंडीगढ़ भेजे गए थे, लेकिन जांच का क्या हुआ, अब तक पता नहीं लग पाया।
दस्तावेजों की द्वितीय प्रति मौजूद
संचालनालय की बीज शाखा में आग लगी थी। शॉर्ट सर्किट के कारण पर्दे जल गए। पर्दों की वजह से टेबल पर रखी कुछ फाइलें भी आग की चपेट में आ गईं। ये सभी विधानसभा से होने वाले पत्राचार से जुड़ी थीं। इन सभी की द्वितीय प्रति भी मौजूद है। ऐसे किसी भी दस्तावेज के जलने की अभी तक सूचना नहीं है, जो महत्वपूर्ण श्रेणी का हो।