वह स्थान जहां रहते हैं 33 कोटि देवी-देवता…

वभूमि में ईश्वर रहते हैं। अमूमन यह बात हम सभी जानते हैं। लेकिन देवभूमि में ये देवी-देवता कहां रहते हैं? कोई नहीं जानता। लेकिन पाताल भुवनेश्वर गुफा एक ऐसा स्थान है जहां 33 कोटि देवी देवता रहते हैं।

hqdefault‘पाताल भुवनेश्वर का गुफा मंदिर’ उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए जाते हैं। यह स्थान अल्मोड़ा से करीब 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है।

लोगों की आस्था का प्रमाण है यहां साक्षात् देखा भी जा सकता है। दरअसल, पाताल भुवनेश्वर की गुफा का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी में 30 फुट अंदर है। मान्यता है कि इस गुफा की खोज आदि शंकराचार्य ने की थी।

गुफा के अंदर आखिर क्या है?

स्कन्द पुराण के मानस खण्ड 103 अध्याय के 155 वें श्लोक में वर्णित है कि गुफा में पारिजात व कल्पतरू वृक्ष, गणेशजी के सिरविहीन चित्र और शैल चित्र मौजूद हैं।

108 पंखुडिय़ों वाला ब्रह्मकमल, शिव की तपस्या के कमंडल, गुफा की छत से गाय की एक थन की आकृति भी है। वैसे गुफा का प्रवेश द्वार इतना छोटा है कि पहली नजर में देखने पर ही डर लगता है, लेकिन जंजीर के सहारे गुफा के अंदर जाया जा सकता है।

यहां भी कर सकते हैं श्राद्ध

मान्यता है कि पितृ पक्ष से संबंधित श्राद्ध कर्म बद्रीनाथ धाम में, मातृ पक्ष से सम्बन्धित श्राद्ध कर्म पवित्र गया धाम में भातृ पक्ष वाले कर्म पुष्कर में और ननिहाल पक्ष वाले श्री रघुनाथ मंदिर धाम में करना श्रेष्ठकर है।

लेकिन पाताल भुवनेश्वर गुफा में सभी पक्षों से संबंधित श्राद्ध कर्म तथा तर्पण आदि किया जाना संभव है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित यह बात स्वयं ब्रह्मा जी ने कही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button