
दिल्ली। सिंधु नदी समझौता एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस बार पाकिस्तान ने इसको लेकर अपनी आवाज उठाई है। पाकिस्तान ने यह आवाज अमेरिका, चीन और रूस जैसी बड़ी ताकतों के बीच नहीं, बल्कि वर्ल्ड बैंक के सामने उठाई है।
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15 दिन बाद आएगा भारत-पाकिस्तान पर वर्ल्ड बैंक का फैसला
वर्ल्ड बैंक दुनिया की सबसे मजबूत संस्थाओं में एक है। इसके नियम अमेरिका, ब्रिटेन के साथ ही चीन जैसे अडि़यल देश को भी मानने पड़ते हैं।
यही वजह है कि अब पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक के सहारे भारत को घेरने की तैयारी की है। बीते दिनों पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक के सामने सिंधु नदी से जुड़े भारत के दो हाइड्रोपावर प्लांट्स का मुद्दा उठाया था।
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पाकिस्तान ने कहा था कि भारत सिंधु नदी समझौते की आड़ में रेतल और किशन गंगा नदियों पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। इससे चेनाब और नीलम नदी की धारा पर असर पड़ रहा है।
दरअसल, सिंधु नदी समझौते के तहत चेनाब और नीलम का पानी भी पाकिस्तान को दिया जाता है। पाकिस्तान को डर है कि रेतल और किशन गंगा नदी पर बन रहे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की वजह से उसका पानी रुक जाएगा।
इस बारे में सिंधु नदी समझौते के कमिश्नर मिर्जा आसिफ बेग ने बताया कि 20 दिन पहले पाकिस्तान से एक दल वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों से मिलने गया था। उन्हें भारत के दोनों हाइड्रोप्रोजेक्ट की जानकारी दी गई और इसे बंद कराने के लिए कहा गया है।
बता दें कि यह दोनों हाइड्रोप्रोजेक्ट भारत के लिए भी बेहद अहम हैं। रेतल नदी पर बनने वाले हाइड्रोप्रोजेक्ट से 850 मेगावाट और किशन गंगा के प्रोजेक्ट से 330 मेगावाट बिजली मिलेगी। अगर वर्ल्ड बैंक ने इसे बंद करने को फैसला थोपा, तो इससे भारत को रोशन करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना चकनाचूर हो सकता है।