
नई दिल्ली (28 सितंबर):वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ वीरेन डंगवाल का सोमवार तड़के बरेली में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 68 बरस के थे और बरेली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
डॉ. डंगवाल के निधन से साहित्य और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। 5 अगस्त 1947 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में जन्मे डॉ. डंगवाल बरेली कालेज बरेली मे हिंदी के अध्यापक रहे थे।
अमर उजाला कानपुर और बरेली के संपादक के रूप में उन्होंने लंबे समय तक काम किया था। कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी कर चुके थे। वह दुश्चक्र में श्रृष्टा सहित कई किताबें लिख चुके थे।
साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए उनका सबसे अधिक समय बरेली में बीता। हिंदी साहित्य की सेवा को देखते हुए 2004 में उनको साहित्य अकादमी सम्मान भी दिया गया था।
कैंसर की चपेट में आने के बाद भी वह कई साल से लेखन में सक्रिय थे। कुछ समय पहले वह दिल्ली से बरेली आए थे और तबियत बिगड़ने के बाद उनको यहां के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तड़के चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. डंगवाल ने अपने पीछे पत्नी डा. रीता डंगवाल, बेटे प्रफुल्ल और प्रशांत के साथ हंसता-खेलता परिवार छोड़ा है।