लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बीफ के बयान पर गोरखपुर न्यायालय में परिवाद दाखिल

lalu_1444191929गोरखपुर. बीफ (गो मांस) पर बयान को लेकर लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गोरखपुर के दीवानी न्यायालय स्थित एसजीएम कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया गया है।
 
गोरखनाथ के रहने वाले विष्णु जायसवाल ने अपने वकील अवनीश गुप्ता के माध्यम से एसीजेएम-1 के यहां लालू यादव के बयान पर मुकदमा दर्ज किए जाने के लिए परिवाद दाखिल किया था। इसे कोर्ट ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने आगे की कार्यवाही शुरू करते हुए वादी और गवाहों के बयान के लिए डेट डिसाइड की है। इसके बाद लालू यादव को भी बयान के लिए नोटिस भेजी जाएगी।
हिंदू जन भावना हुई आहत
वादी का कहना है कि बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने 3 अक्टूबर को विभिन्न समय पर टीवी पर बयान दिए था कि हिंदू भी बीफ खाता है। उनका कहना है कि इससे हिंदू जन भावना को आघात पहुंचा है। ऐसे में किसी को भी किसी धर्म के खिलाफ अनर्गल बोलने का हक नहीं है।
 
पुलिस ने नहीं दर्ज किया मुकदमा
वादी ने कहा कि उसने इस मामले में थाने और एसएसपी तक को लालू प्रसाद यादव के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर तहरीर दी थी। लेकिन, पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। परेशान होकर उसने एसीजेएम फर्स्ट गोरखपुर दीवानी कचहरी न्यायालय में परिवाद दायर किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
 
क्या है मामला?
यूपी के दादरी में भीड़ द्वारा गोमांस खाने की अफवाह को लेकर अखलाक नाम के एक शख्स की हत्या कर दी गई। इसके बाद रविवार को लालू प्रसाद ने बयान दिया था। लालू ने कहा था, ”किसी को भी बीफ या मांस नहीं खाना चाहिए। इससे कई प्रकार की बीमारी होती है। बीफ का मतलब सिर्फ गोमांस नहीं होता है। मीट खाने वाले लोग सभ्य नहीं होते। इससे कई तरह की बीमारी होती है। क्या हिंदू बीफ नहीं खाता।”

 

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