रिलायंस जियो के बाद पहली बार आइडिया को हुआ ये घाटा

बीते साल सितंबर में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद टेलिकॉम मार्केट में शुरू हुए प्राइस वॉर के चलते अब प्रतिस्पर्धी कंपनियों को घाटे का भी सामना करना पड़ रहा है।

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देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम्युनिकेशंस ऑपरेटर आइडिया सेल्युलर लिमिटेड को पहली बार तिमाही नतीजों में घाटे सामना करना पड़ा है। रिलायंस जियो के आगाज के बाद यह पहला मौका है, जब किसी कंपनी को घाटा झेलना पड़ा है। कंपनी को मार्केट में प्रतिस्पर्धा के चलते कीमतें कम करने की वजह से यह नुकसान उठाना पड़ा है।
सितंबर में मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इन्फोकॉम की लॉन्चिंग हुई थी। कंपनी ने अपने वेलकम ऑफर में फ्री वॉइस कॉल और डेटा जैसी सुविधाएं दी थीं। इसके बाद देश की नंबर वन टेलिकॉम कंपनी एयरटेल को भी अपने वॉइस कॉल और डेटा प्लान्स में कटौती के ऐलान करने पड़े थे। इस तरह की प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियों की आय में लगातार गिरावट आई है, लागत बढ़ी है। यहां तक कि ब्रिटेन की दिग्गज टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के बीच विलय को लेकर भी बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि ये दोनों कंपनियां विलय के बाद देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम फर्म के तौर पर उभरेंगी।
आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया ने शनिवार को बयान जारी कर बताया कि उसे 31 दिसंबर को समाप्त हुई तिमाही में 57.47 मिलियन डॉलर यानी करीब 3.84 अरब रुपये का नेट लॉस हुआ है। बीते साल इसी अवधि में कंपनी ने 6.59 अरब रुपये का मुनाफा हासिल किया था। कंपनी को हुआ यह नुकसान विश्लेषकों के अनुमानों से अधिक है। इससे पहले मार्केट के जानकारों का अनुमान था कि कंपनी को 3.71 अरब रुपये तक का लॉस झेलना पड़ सकता है।
आइडिया ने अपने बयान में कहा कि उसने दिसंबर तिमाही में कस्टमर्स को बनाए रखने के लिए मोबाइल वॉइस कॉल रेट्स में 10.6 पर्सेंट तक की कटौती कर दी थी। वहीं, डेटा कीमतों में भी कंपनी ने 15 प्रतिशत तक की बड़ी कटौती कर दी थी। आइडिया ने कहा कि कंपनी को बीते साल के मुकाबले 2016 दिसंबर में रेवेन्यू में भी 3.8 पर्सेंट की गिरावट का सामना करना पड़ा है। 2015 की अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 86.38 पर्सेंट का राजस्व हासिल किया था, लेकिन 2016 में यह आंकड़ा 84.63 पर ही सिमट गया।

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