रिफांइड ना होने के कारण सेहत के लिए काफी अच्छा है सेंधा नमक, जानिए कैसे ?

अक्सर लोग खाने में तरह तरह के नमक इस्तेमाल करते है। लेकिन क्या आपको पता है की हमारे लिए कौन-सा नमक अच्छा है? सामान्य नमक जो खारे पानी से बनता है या वह जो जमीन के नीचे स्थित खारी चट्टानों से निकाला जाता है और जिसे सेंधा या सेंधव नमक कहा जाता है? बता रही हैं डाइट एंड वेलनेस एक्सपर्ट …

सेंधा नमक में लगभग 85 फीसदी सोडियम क्लोराइड होता है, जबकि शेष 15 फीसदी में अन्य खनिज जैसे आयरन, कॉपर, जिंक, आयोडीन, मैंगनीज, मैग्नेशियम, सेलेनियम सहित कम से कम 84 प्रकार के तत्व होते हैं। इनमें से अधिकांश की थोड़ी-थोड़ी मात्रा शरीर के लिए फायदेमंद होती है। सामान्य नमक में 97 फीसदी हिस्सा सोडियम क्लोराइड का होता है।

बाकी तीन फीसदी हिस्सा एडिटिव्स व आयोडीन का होता है। सेंधा नमक में ऊपर से आयोडीन मिलाने की जरूरत नहीं होती, जबकि सामान्य नमक में मिलाना पड़ता है। इस तरह सेंधा नमक सोडियम क्लोराइड के साथ-साथ अन्य खनिज भी शरीर को प्रदान करता है। आज तो सेंधा नमक की जरूरत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि घर में लगे आरओ वाटर सिस्टम की वजह से हम उन कई महत्वपूर्ण खनिजों को पहले ही अपनी जिंदगी से बाहर कर चुके हैं जो हमें पहले पानी से मिल जाते थे।

सामान्य नमक को इसलिए ज्यादा पसंद किया जाता है क्योंकि यह सस्ता होता है और आसानी से भोजन में घुल-मिल जाता है। जबकि सेंधा नमक अपेक्षाकृत महंगा होता है। साथ ही दरदरा भी होता है जिससे यह भोजन में पूरी तरह से मिक्स नहीं हो पाता। लेकिन दरदरा होने का मतलब ही यह है कि इसे रिफाइंड नहीं किया गया है। जो चीज जितनी कम रिफाइंड होती है, वह उतनी ज्यादा नैचुरल होती है। रिफाइंड करने से महत्वपूर्ण खनिज हट जाते हैं। यानी सेंधा नमक हमारे लिए ज्यादा बेहतर है।

किडनी बेहतर ढंग से काम कर सके, इसके लिए सोडियम और पोटेशियम में संतुलन जरूरी है। सेंधा नमक में दोनों तत्वों का बेहतरीन बैलेंस होता है। यह उन लोगों के लिए भी अच्छा है जिन्हें माइग्रेन की समस्या है। माइग्रेन की एक वजह मैग्नीशियम की कमी होती है जो सेंधा नमक पूरी कर देता है। यह कब्ज की समस्या में भी फायदेमंद है। यह हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

हाई बीपी के मरीजों के लिए सोडियम नुकसानदायक है। दोनों ही नमक में सोडियम की मात्रा काफी होती है। इसलिए हाई बीपी के मरीजों के लिए दोनों ही नमक की ज्यादा मात्रा अच्छी नहीं है। इसलिए बेहतर यह होगा कि चाहे सामान्य नमक हो या सेंधा नमक, हाई बीपी के रोगी कम ही इस्तेमाल करें।

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