यूपी में योगी सरकार के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड, कितने अंक देंगे?

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में विपक्ष समेत आमजन की निगाहे रविवार को जारी होने वाले योगी सरकार के ‘श्वेत पत्र’ पर टिकी रही। सब इस श्वेत पत्र पर इसलिए निगाहे टिकाए रहे योगी सरकार की एक रिपोर्ट कार्ड तैयार करते। लेकिन रविवार शाम खबर मिली श्वेत-पत्र का कार्यक्रम टलने की।

यूपी में योगी सरकार के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड, कितने अंक देंगे?

दरअसल, एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के लखनऊ पहुंचने के चलते यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। 26 जून को ईद होने के कारण अब योगी सरकार का श्वेत पत्र 27 या 28 जून को जारी होगा।

ये भी पढ़े: यूपी- महिला को 19 दिन तक बंधक बनाकर किया दुष्कर्म, फिर 50 हजार में…

लेकिन लोग बड़ी ही बेसब्री से श्वेत पत्र के जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं विपक्ष श्वेत पत्र के माध्यम से योगी सरकार की एक रिपोर्ट कार्ड तैयार करने की योजना बना रहा है। सीएम योगी भी विपक्ष को कोई मौका नहीं देना चाहते। इसके लिए वे भी अपने स्तर पर लगे हुए हैं।

लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि श्वेत पत्र जारी होने से पहले ही ऐसा माहौल बनना शुरू हो गया जो योगी सरकार को फायदा पहुंचाएगा। यह बात तब साफ हो गई जब मीडिया ने उर्जा मंत्री से सवाल किया कि पिछली सरकार में ट्रांसफार्मर खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। सरकार में ट्रांसफार्मर सिंडीकेट काम चल रहा था। क्या सरकार उसकी जांच कराएगी? श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ट्रांसफार्मर का मामला उनके संज्ञान में है। ऊर्जा विभाग भी श्वेत पत्र लाएगा। उसमें सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।  

मालूम हो नई सरकार बनने के बाद से संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल का प्रयास जारी है। सीएम होने के बाद योगी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में होने वाली बैठक में भले पहली बार आए हों, पर इसके पूर्व भी जब भी उनको मौका मिला वह कार्यकर्ताओं के बीच गए हैं। हालांकि योगी सरकार यह खुद मानकर चल रही कि तीन महीने का वक्त किसी भी सरकार की उपलब्धि तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है। फिर भी योगी सरकार ने अभी तक जो कार्य किए हैं उनका ब्यौरा देने के लिए हमारी यह रिपोर्ट जरूर उपलब्ध है। 

कितने किसानों का हुआ भला
योगी आदित्यनाथ ने किसानों की कर्जमाफी के साथ कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी काम किया है जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलने वाला है। इसके लिए किसानों का जागरूक करने के लिए कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, सहकारिता, पशुधन, मत्स्य, दुग्ध विकास, ग्राम्य विकास, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, लघु सिचाई एवं भूगर्भ जल, पंचायतीराज, युवा कल्याण तथा ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा इत्यादि शुरू की गई है। इसके अलावा किसानों को निशुल्क राय देने के लिए हेल्पलाइन शुरू करने की भी योजना तैयार की गई है।

हालांकि हकीकत ये है कि किसानों के लिए ये योजनाएं नाकाफी है। तीन माह में किसानों का हालात में क्या सुधार हुआ है इसका जवाब आंकड़ों और रिपोर्ट से आपको मिल जाएगा। अखिलेश यादव इस बाबत ट्वीट कर चुके हैं जिसमें उन्होंने लिखा है ‘कृषि लागत के डेढ़ गुने मूल्य व क़र्ज़ माफ़ी के झूठे वायदे किसानों की जान ले रहे हैं। कृषि क्रांति की जगह ‘किसान क्रांति’ …!

कितनी हुई गड्ढा मुक्त सड़कें
योगी सरकार के इस दावे की हवा निकल गई। सीएम योगी ने सरकार बनने के बाद यह आदेश जारी किया था कि प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त हों। जनता को लगा चलो सड़कें नई भले ही न हो लेकिन कम से कम गड्ढा मुक्त तो होंगी। लेकिन जो डेडलाइन सीएम योदी ने तय किया था उस डेडलाइन तक प्रदेश की सड़कों का सूरत-ए-हाल बदला नहीं था। अब भी प्रदेश की अनगिनत सड़के गड्ढों से पटी पड़ी है। तमाम मीडिया रिपोर्ट चीख-चीख कर इसकी गवाही दे रही है।

ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए कोई काम ही नहीं हुआ हो। इस बीच बहुत सी सड़कों का उद्धार भी हुआ है। लेकिन दावा पूरा करने में सरकार विफल रही। इसके लिए अब सरकार ने डेडलाइन डेट आगे सरका दी है। इस पर ज्यादा हो-हल्ला न मचे इसके लिए रविवार को योगी सरकार ने अपनी पीठ खुद थपथपाते हुए ये घोषणा कर दी कि प्रदेश की 63 प्रतिशत सड़कें गड्ढामुक्त हो चुकी है।

कानून व्यवस्था कितनी हुई दुरुस्त 
कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के वादे के साथ प्रदेश की सत्ता में आई योगी सरकार के गठन के बाद आपराधिक वारदात में बढ़ोत्तरी हुई है। खासकर सहारनपुर में हुए जातीय संघर्ष से सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। यह स्थिति उन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए कड़ी चुनौती है, जिन पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक लिहाज से अतिसंवेदनशील उत्तर प्रदेश में भाजपा की छवि को बेहतर बनाए रखने की जिम्मेदारी है।

उन्होंने अपनी सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए ताबड़तोड़ पुलिस अफसरों के तबादले किए लेकिन रिजल्ट प्रदेश की क्राइम रेट ने दे डाला।सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्कवॉड बनाया जिसकी शुरू में तो खूब चर्चा हुई लेकिन अब उस मुहिम का क्या हुआ पता नहीं।  
 

‘सबका साथ, सबका विकास’ हुआ क्या..?
मुख्यमंत्री योगी ने सत्ता संभालते ही प्रदेश से अपराध खत्म करने तथा ‘सबका साथ, सबका विकास’ करने का वादा किया था। हालांकि अब वह और उनके मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों का कहना है कि उन्हें ‘जंगल राज’ वाला प्रदेश मिला था, जिसे सुधारने में समय लगेगा।

अफसरों पर सख्तरुख पड़ा नरम
योगी सरकार ने शुरूआत में सभी अफसरों के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया। सभी को ये हिदायत दी गई कि वे समय पर अपने दफ्तर पहुंचे और जनता के लिए कार्य करें। सभी ने इसे सीरियस लिया और अफसर समय पर दफ्तर पहुंचने लगे। लेकिन अब स्थिति फिर से वहीं बन गई है। हाल ही में कानपुर में एक सरकारी अधिकारी को ज्ञापन देने के लिए पहुंचे लोगों को 3 घंटे इंतजार करना पड़ा। सरकारी अफसर समय पर अपने कार्यालय नहीं पहुंचे। जब उन्हें फोन मिलाया गया तो उन्होंने फोन का भी कोई जवाब नहीं दिया। 
योगी का सफाई अभियान
सीएम योगी ने पीएम मोदी की तर्ज पर सरकार बनने के बाद सबसे पहले प्रदेश में सफाई अभियान की शुरुआत की। जगह-जगह निरिक्षण किया गया। सीएम योगी ने अपने मंत्रियों को भी यह निर्देश जारी कर दिए कि अपने क्षेत्र के सभी सरकारी कर्यालयों, थानों की तस्वीर बदलनी है तो स्वंय वहां का निरिक्षण करें। अगर सफाई न मिले तो खुद झाड़ू उठाकर सफाई करें। इस रूल को मंत्रियों ने फॉलो भी किया। बाद में इसकी खूब सराहना हुई। लेकिन अब फिर से हालात वैसे बन चुके हैं। सरकारी इमारते फिर से बदहाल हो गई हैं।
Back to top button