

उत्तम कुमार और दो अन्य ने याचिका दाखिल कर कहा है कि 41610 पदों पर कांस्टेबलों की भर्ती के लिए आयोजित मुख्य परीक्षा और शारीरिक परीक्षा के बाद 55123 अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित किया गया। इन सभी को मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया गया। इसमें सामान्य के लिए 314.9564 कट ऑफ और ओबीसी के लिए 305.9564 कट ऑफ मेरिट थी।
व्हाइटनर लगाने वाले 6254 लोगों को बाहर करने के बाद 55994 अभ्यर्थियों को बुलाया गया जिससे 871 अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गई और कट ऑफ मेरिट बढ़कर 308.5096 हो गई। याचीगण का चयन इससे प्रभावित हुआ है।
अपर सॉलीसिटर जनरल अशोक मेहता ने इस मामले में सोमवार को केंद्र सरकार का पक्ष रखा। आईएएस अभ्यर्थी अनिमेष सिंह ने याचिका दाखिल कर इस निर्णय को चुनौती दी है।
याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा था कि 2011 की परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को ही अतिरिक्त अवसर क्यों दिया जा रहा है।
आयु सीमा में छूट 29 और 30 वर्ष के अभ्यर्थियों को ही देने के पीछे क्या आशय है। केंद्र सरकार की ओर से दी गई सफाई से अदालत ने असंतोष जाहिर किया, कहा कि इसमें उन सवालों के जवाब नहीं हैं जो उन्होंने पूछे हैं। केंद्र सरकार को बेहतर जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया गया है। मामले की सुनवाई एक अक्तूबर को होगी।
अभी तक 58 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों को चयनित किया गया है। इनमें से 43179 प्रशिक्षु शिक्षकों की परीक्षा कराकर परिणाम घोषित किए गए। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव का कहना है कि शेष 15 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों का डाटा संबंधित जिलों की डायटों से मांगा गया है।
संभावना है कि अक्तूबर में इनकी भी परीक्षा कराकर परिणाम घोषित कर दिए जाएं। 43179 प्रशिक्षु शिक्षकों के परिणाम सभी जिलों की डायटों को भेजे चा चुके हैं। परिणाम घोषित होने के बाद प्रशिक्षु शिक्षक परिषदीय विद्यालयों में मौलिक नियुक्ति की मांग तेज होगी।
इसके पहले भी प्रशिक्षु शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा से नियुक्ति की मांग को लेकर ज्ञापन सौंप चुका है। टीईटी प्रशिक्षु शिक्षक संघर्ष मोर्चा के मो. अली का कहना है कि अब तो परिणाम भी घोषित हो गए हैं। विद्यालयों में मौलिक नियुक्ति की मांग को लेकर परिषद सचिव से फिर से मुलाकात की जाएगी।