
अहमदाबाद: यूपी चुनाव में गुजरात के गधों पर बड़े-बड़े नेताओं के बीच खूब बयानबाजी हो रही है। अखिलेश यादव ने ऐक्टर अमिताभ बच्चन से गुजरात के गधों का प्रचार न करने की अपील कर इस बहस की शुरुआत की थी। 2010 में जब मोदी गुजरात के सीएम थे तब अमिताभ बच्चन गुजरात के पर्यटन ब्रैंड ऐंबैसडर बने थे। इसके बाद उन्होंने गुजरात में पर्यटन वाली जगहों को लेकर कई विज्ञापन किए। एक विज्ञापन में गुजरात के गधों का भी सीन है। इस जंगली गधे को गुजरात में घुड़खर के नाम से जाना जाता है।

कच्छ पाए जाने वाले इन घुड़खरों की तादाद करीब 4500 है। ये उत्तर भारत के शहरों में आमतौर पर ईंटें या सामान ढोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आम गधों की तरह नहीं होता। घुड़खर 70 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। यानी घोड़े की तरह। इस जानवर की उछलने की छमता भी गजब की है। इसकी एक खास बात यह भी है कि अगर घुड़सर के शरीर पर महीने तक पानी न पड़े, फिर भी यह बिलकुल साफ-सुथरा दिखता है। करीब 210 सेंटीमीटर लंबे इन घुड़खरों का वजन 250 किलोग्राम तक होता है।
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गुजरात में इनके लिए वाइल्ड ऐस सैंक्चुअरी (5000 वर्ग किमी.) भी बनाई गई है। कच्छ जैसे खारे रेगिस्तान में इसके जैसे ताकतवर और फुर्तीले जानवर काफी कम हैं। इस इलाके में एक खास तरह की घास होती है, जो घुड़खर खाते हैं।’ ये हमेशा झुंड में चलते हैं। साल 2016 में इंटरनैशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर ने घुड़खर को विलुप्त होते जानवरों में शामिल किया था।
गधों में ‘घोड़ा’ है गुजरात का घुड़खर