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सरकार ने बुधवार को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana- PMFBY) में बड़े बदलावों को मंजूरी दी है. योजना की खामियों को दुरुस्त करते हुए अब इसे किसानों के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा फरवरी 2016 में शुरू की गई इस फसल बीमा योजना के तहत, लोन लेने वाले किसानों के लिये यह बीमा कवर (Insurance Cover) लेना अनिवार्य रखा गया था. मौजूदा समय में, कुल किसानों में से 58 प्रतिशत किसान लोन लेने वाले हैं.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमएफबीवाई कार्यक्रम में कई बदलावों को मंजूरी दी है क्योंकि किसान संगठन और राज्य इसके संदर्भ में कुछ चिंताएं जता रहे थे. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाया गया है.

योजना की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, तोमर ने कहा कि बीमा कार्यक्रम में 30 प्रतिशत खेती योग्य क्षेत्र को शामिल किया गया है. मंत्री ने कहा कि 60,000 करोड़ रुपये के बीमा दावे को स्वीकृति दे दी गई है, जबकि 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया गया है.

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कृषि मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रीमियम का 50-50 फीसदी योगदान देती है. लेकिन नॉर्थ ईस्ट के किसानों के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. यहां फसल बीमा प्रीमियम में 90 फीसदी योगदान केंद्र औऱ 10 फीसदी राज्य का रहेगा. इसके अलावा, 3 फीसदी योजना की राशि प्रशासनिक व्यवस्था पर रहेगी.

योजना की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, तोमर ने कहा कि बीमा कार्यक्रम में 30 प्रतिशत खेती योग्य क्षेत्र को शामिल किया गया है. मंत्री ने कहा कि 60,000 करोड़ रुपये के बीमा दावे को स्वीकृति दे दी गई है, जबकि 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया गया है.

कृषि मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रीमियम का 50-50 फीसदी योगदान देती है. लेकिन नॉर्थ ईस्ट के किसानों के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. यहां फसल बीमा प्रीमियम में 90 फीसदी योगदान केंद्र औऱ 10 फीसदी राज्य का रहेगा. इसके अलावा, 3 फीसदी योजना की राशि प्रशासनिक व्यवस्था पर रहेगी.

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