मुंबई 7/11 ब्लास्ट केस: सजा का ऐलान आज

मुंबई में लोकल ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट के करीब नौ साल बाद एक विशेष अदालत आज 12 दोषियों को स1-30-09-2015-1443586566_storyimageजा सुना सकती है। इन विस्फोटों में 188 लोगों की जान गई थी। विशेष न्यायाधीश यतिन डी शिंदे ने पिछले सप्ताह सजा के अनुपात पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी की थी। तब अभियोजन पक्ष ने 12 में से आठ दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी, वहीं बाकी चार को उम्रकैद की सजा दिये जाने की मांग की गयी थी।

विशेष मकोका अदालत ने 23 सितंबर को मामले में सजा पर अपना आदेश 30 सितंबर के लिए सुरक्षित रखा था। इससे पहले अदालत ने 11 सितंबर को 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था और एक को बरी कर दिया था। इन सभी के कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध रहे हैं।

आरोपियों को आईपीसी, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम और भारतीय रेलवे अधिनियम और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया। अदालत ने सभी 12 आरोपियों को मकोका की धारा 3 (1) (आई) के तहत भी दोषी पाया, जिसमें मौत की सजा सुनाई जा सकती है।

दोषियों में कमाल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैसल शेख (36), एहतेशाम सिद्दीकी (30), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहेल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36), नवीद हुसैन खान (30) और आसिफ खान (38) हैं। मुंबई की कई लोकल ट्रेनों में प्रथम श्रेणी डिब्बों में 11 जुलाई, 2006 को सात आरडीएक्स बम विस्फोट हुए थे जिनमें 188 लोग मारे गये और 829 घायल हो गये।

11 जुलाई 2006 को मुंबई में 7 सिलसिलेवार धमाके हुए। इस हमले में 188 लोग मारे गये थे और 824 लोग घायल हुए थे। ब्लास्ट शाम 6 बजकर 24 मिनट में हुआ, जो 11 मिनट तक लगातार चलता रहा। हमले का वक्त शाम को चुना गया, क्योंकि आमतौर पर शाम को ही मुंबई के लोकल ट्रेन में लाखों लोग दफ्तर से घर वापस आते हैं। विस्फोट खार रोड, सांताक्रूज, जोगेश्वरी-माहिम जंक्शन, मीरा रोड-भयंदर, माटुंगा-माहिम और बोरेवाली जंक्शन के बीच हुए। हमले प्रेशर कुकर बम से किये गये थे। हमले में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया।

 

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