

मारुति उद्योग कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजेश कुमार और महासचिव कुलदीप जांघू ने शुक्रवार इसकी जानकारी देते हुए बताया कि वेतन में यह बढ़ोतरी तीन साल में होगी। पहले साल 50 प्रतिशत और इसके बाद के दो वर्षों में 25-25 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की जाएगी। वेतनमान समझौता इस वर्ष अप्रैल से लागू माना जाएगा।
जांघू ने बताया कि प्रबंधन के साथ इस वर्ष अप्रैल से बातचीत जारी थी और 40 बैठकों के बाद यह समझौता हुआ है। समझौता इस वर्ष एक अप्रैल से मार्च 2018 तक मान्य होगा। एरियर का भुगतान इस महीने के अंत तक कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली बार तीनों यूनियन ने एक साथ शामिल होकर बातचीत के जरिये वेतन समझौता किया है।
उन्होंने बताया कि कुल 16 हजार 800 रुपए में से 50 प्रतिशत राशि 8430 रुपए इस वर्ष दी जाएगी। दूसरे और तीसरे वर्ष में 4200-4200 रुपए की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि कंपनी के प्रबंध निदेशक के. आयुकावा ने तीनों यूनियनों और प्रबंधन के साथ शांतिपूर्ण वेतनमान समझौता होने के बाद कर्मचारियों को खुश होकर 3000 रुपए की राशि उपहार में देने की घोषणा की है। इसकी अदायगी इस महीने कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मचारी जो बस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते हैं उन्हें नई मारुति कार खरीदने के लिये 2000 रुपए प्रतिमाह सात साल के लिए दिए जाएंगे। वेतन समझौता होने पर मारुति सुजुकी वर्कर यूनियन के अध्यक्ष पवन कुमार और महासचिव संजय कुमार तथा मारुति सुजुकी पावर ट्रेन इंप्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुमार और महासचिव मुकेश सैनी ने खुशी जाहिर की है।
गौरतलब है कि जुलाई 2012 में मारुति के मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों की ङ्क्षहसा में मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक की हत्या हो गई थी।