
तेहरान। बात अजीब है लेकिन सच है। ईरान की नेशनल महिला फुटबॉल टीम में एक या दो नहीं आठ पुरुष खिलाड़ी हैं। ये खेल भी रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कैसे। दरअसल, पूरा मामला इनके लिंग पर जाकर अटक गया है। कभी कहा जाता है कि लिंग परिवर्तन कराकर ये लोग टीम में शामिल हुए हैं। तो कभी बात सामने आती है कि इनका लिंग परिवर्तन हुआ ही नहीं।
महिला खिलाड़ी मुश्किल में
लिंग परिवर्तन के इस ‘खेल’ का खुलासा इरानी लीग के करीबी मोजताबी शरीफी ने एक न्यूज साइट पर किया था। अब यह पूरा मामला सामने आने के बाद टीम की महिला खिलाडि़यों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके परिवार वाले उन्हें खेलने से रोक रहे हैं। महिला खिलाड़ी भी पुरुषों के साथ खेलने से बच रही हैं। सबसे हैरत वाली बात यह है कि महिला बनने को बेकरार ये पुरुष खिलाड़ी टीम में नए-नए शामिल नहीं हुए हैं।
पुराना है लिंग का खेल
बात 2010 से शुरू हुई थी। तब टीम के गोलकीपर के लिंग के पर संदेह जाहिर किया गया था। हालांकि उस वक्त बात दबा ली गई। लेकिन खेलने में असहज महसूस कर रही महिला खिलाडि़यों के हावभाव से बात खुल ही गई।
पहले चार पुरुष खिलाड़ी थे
चार साल बाद यह पता चला था कि टीम में खेल रहे चार खिलाड़ी पुरुष हैं। इसके बाद देश की फुटबॉल गवर्निंग बॉडी ने खिलाडि़यों के लिंग परीक्षण की औचक जांच के आदेश दिए थे। अब टीम में आठ पुरुष खिलाड़ी होने की बात सामने आई है, तब एक और जांच शुरू हुई है।
फुटबॉल एसोसिएशन की फजीहत
इसको लेकर ईरान की फुटबॉल एसोसिएशन की भी फजीहत हो रही है। उस पर अनैतिक काम करने का आरोप लग रहा है। हालांकि दावा किया गया है कि ये पुरुष खिलाड़ी लिंग परिवर्तन करवाने का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जांच के बाद अगर इन खिलाडियों का लिंग बदला हुआ न मिला तो इन्हें टीम से हटा दिया जाएगा। फिलहाल इन पुरुष खिलाडि़यों के लिए राहत की बात बस इतनी है कि इनके नाम मीडिया में उजागर नहीं किए गए है।