महिला दरोगा की मौत को लेकर सामने आया सच, मोबाइल में मिला…

उत्तर प्रदेश के बुलदंशहर जिले की अनूपशहर कोतवाली में तैनात महिला उपनिरीक्षक आरजू पवार ने शुक्रवार रात अपने कमरे में पंखे से फंदा लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली थी। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट व मृतका का मोबाइल फोन बरामद कर शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया था। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर आकर साक्ष्य जुटाए हैं।

वहीं, देर रात पोस्टमार्टम होने के बाद शनिवार सुबह करीब छह बजे परिजन शव को अपने साथ गांव ले गए हैं। परिजनों का इस दौरान रो-रोकर बुरा हाल था। घटना के बाद मौके पर एसएसपी, एसपी देहात समेत अन्य अफसरों ने पहुंचकर देर रात ही जांच पड़ताल की थी। मौके से मिले सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए उन्होंने खुद को जिम्मेदार बताया है।

कयास लगाया जा रहा है कि मोबाइल फोन में मौत का राज छिपा हो सकता है। मोबाइल लॉक होने की वजह से पुलिस तुरंत किसी कॅल व रिकॉर्डिंग आदि की जानकारी हासिल नहीं कर सकी है। रात में मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया गया तथा शनिवार सुबह परिजनों को सौंप दिया गया।

बताया गया कि आरजू पवार वर्ष 2015 में उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती हुई थीं। शामली जिले के भैंसवाल गांव निवासी आरजू छह जनवरी को अपने जीवन के खुशनुमा इक्कतीस साल पूरा करने वाली थीं और कुछ ही महीने बाद उनकी शादी के बाद वह नई जिंदगी में प्रवेश करने वाली थीं। लेकिन, इससे पहले ही उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

वीडियोग्राफी कराकर उतारा गया शव
महिला दरोगा के शव को कब्जे में लेने से पहले एसडीएम पदमसिंह की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराते हुए कमरे के दरवाजे को तोड़ा गया था। जिसके बाद शव को नीचे उतारकर जांच पड़ताल के बाद पोस्टमार्टम को भेजा था।

फांसी की घटना से स्तब्ध हैं पुलिसकर्मी
सीधे व सरल स्वभाव की उपनिरीक्षक आरजू पवार अपना जीवन इस तरह से खत्म कर लेंगी, इसका किसी भी पुलिसकर्मी को विश्वास नहीं हो रहा है। घटना के बाद से उनके साथी पुलिसकर्मी और अधीनस्थ उनकी विनम्रता की चर्चा कर रहे हैं।

 

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