महाराष्ट्र: बीफ मामले को रोजगार से जोड़ा, स्थानीय चुनाव में मुद्दा बनेगा


नगरीय निकाय के चुनावों में यह मुख्य मुद्दा बन सकता है। भाजपा ने बीफ बैन कर जहां अपने मतदाताओं को खुश किया, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस दमदार तरीके से अपना विरोध दर्ज नहीं करा सकी हैं। राज्य में कोल्हापुर, कल्याण-डोंबिवली में वहीं, मुंबई महानगरपालिका में चुनाव होंगे।
ऐसे में बीफ बैन का फायदा सत्ताधारी पार्टियों को मिल सकता है। फडणवीस सरकार 31 अक्टूबर 2014 को सत्तासीन हुई और दो महीने बाद ही गोहत्या बंदी का कानून लागू कर दिया था। अकेले मुंबई में नौ लाख किलो बीफ की बिक्री रोज होती है।