मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मुहिम का चीन पर पड़ा असर, दिया ये बयान

पुलवामा हमले के गुनहगार आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की भारत की मुहिम का असर दिखने लगा है। चौतरफा दबाव के बीच चीन ने भी अब इस मुद्दे पर नरमी के संकेत दिए हैं। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने रविवार को कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम इस मामले को सुलझा लेंगे। यह सिर्फ तकनीकी रोक है, हम इस पर बात कर रहे हैं। मसूद अजहर पर लाया गया प्रस्ताव पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है।मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मुहिम का चीन पर पड़ा असर, दिया ये बयान

चीनी दूतावास में होली मिलन कार्यक्रम के दौरान झाओहुई ने कहा कि मसूद अजहर के मामले को हम पूरी तरह समझ रहे हैं। हम भारत की चिंता को अच्छी तरह समझते हैं। हम पूरी तरह आशावान हैं कि जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा। चीनी राजदूत ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुए वुहान सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम पूरी तरह संतुष्ट और भविष्य को लेकर आशावादी हैं।

बीते बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर चीन ने अड़ंगा लगाते हुए प्रस्ताव पर तकनीकी होल्ड पर डाल दिया था। चीन के इस कदम पर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई थी। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद से भारत लगातार इस मामले पर बीजिंग से संपर्क बनाए हुए है।
  
मसूद कश्मीरी आतंकियों के लिए कई देशों से जुटाया था फंड 

नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने कश्मीर में आतंकियों के लिए फंड जुटाने के लिए एक महीना लंबा इंग्लैंड का दौरा किया था और 15 लाख पाकिस्तान रुपये इकट्ठा किए थे। हालांकि 1994 में भारत आने से पहले उसने शारजाह और सऊदी अरब का भी दौरा किया, लेकिन यहां उसकी मुहिम को कोई खास तवज्जो नहीं मिली।  

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद अजहर की पूछताछ संबंधित रिपोर्ट के मुताबिक, जैश सरगना ने 1992 में इग्लैंड का दौरा किया था। साउथ हॉल में एक मौलवी मुफ्ती इस्माइल ने उसकी यात्रा का प्रबंध किया था। पूछताछ में मसूद ने बताया कि इस दौरान वह बर्मिंघम, नॉटिंघम, शेफील्ड, लीसेस्टर की कई मस्जिदों में गया और कश्मीरी आतंकियों के लिए वित्तीय सहायता मांगी। 90 के दशक में उसने अफ्रीकी देश केन्या, जांबिया का भी दौरा किया और फंड जुटाया। हालांकि उसने कहा कि अरब देश कश्मीर मामले में कोई सहायता देना नहीं चाहते थे। फिर भी उसने अबुधाबी में तीन लाख, शारजाह में 2 लाख और सऊदी अरब में 2 लाख पाकिस्तानी रुपये जुटाए थे। 

फर्जी पुर्तगाली पासपोर्ट से आया था भारत 

मसूद 1994 में फर्जी पुर्तगाली पासपोर्ट से भारत आया और दिल्ली के अशोका होटल में रुका था। उसने आव्रजन अधिकारियों को यह कह कर चकमा दिया था कि वह जन्म से गुजराती है। हालांकि अगले दो सप्ताह में उसे जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि इससे पहले, लखनऊ, सहारनपुर और देवबंद का दौरा कर चुका था।

हाफिज सईद मामले में जानकारी सार्वजनिक होने से चिढ़ा पाक 

नई दिल्ली। वैश्विक आतंकियों की सूची से नाम हटाने की जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद की याचिका खारिज होने की जानकारी सार्वजनिक होने से पाक चिढ़ गया है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से इसकी जांच करने का अनुरोध किया है कि भारतीय न्यूज एजेंसी को यह जानकारी कैसे मिली। संयुक्त राष्ट्र को पिछले हफ्ते लिखे पत्र में यूएन में पाकिस्तानी राजदूत मलीहा लोधी ने यह पता लगाने की मांग की है कि 15 सदस्यीय समिति में से किसने भारतीय एजेंसी को जानकारी दी। न्यूज एजेंसी ने 7 मार्च को खबर दी थी कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज का नाम प्रतिबंधित आतंकियों की सूची से हटाने की अपील खारिज हो गई है।

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