
नई दिल्ली (1 अक्तूबर): मशरूम (कुकुरमुत्ता) ऐसी चीज नहीं जिस पर हैरत की जाए। अपने आप ज़मीन में नमी पाकर कहीं भी उग आने वाले मशरूम के खाने के अलावा किसी और इस्तेमाल पर शायद ही किसी ने सोचा हो। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि मशरूम ऊर्जा का साधन भी हो सकता है।
डिस्कवरी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अब मशरूम को बैटरी बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिवरसाइड बोर्न्स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने यह तकनीक विकसित की है। रिसर्च टीम ने एक नई किस्म की लीथियम आयन बैटरी के एनोड को तैयार किया है। जिसे पोर्टोबेलो मशरूम से बनाया गया है। यह सिंथेटिक ग्रेफाइट के इंडस्ट्री स्टैंडर्ड की जगह ले सकता है। जो कि कीमत में कमतर और पर्यावरण के अनुकूल होगा।
इस विकास को कई इंडस्ट्रीज पर बड़ा असर डालने योग्य माना जा रहा है।आने वाले दिनों में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इलैक्ट्रॉनिक वाहनों में और भी ज्यादा बैटरीज़ का इस्तेमाल होने वाला है। इसके लिए बॉयोलॉजिकल तत्वों के इस्तेमाल से ऊर्जा खपत की लागत को कम कर सकते हैं।
दूसरी तरफ सिंथेटिक ग्रेफाइट इसकी तुलना में अधिक खर्चीला है। क्योंकि इसके लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है। साथ ही इसकी प्योरिफिकेशन प्रोसेस भी पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।