मरीज को सामान्य बता ऑपरेशन करने से मौत, 19 लाख का जुर्माना

उपभोक्ता फोरम ने अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल जुनवानी के डायरेक्टर और कार्डियोलॉजिस्ट को दिल के मरीज की मौत को व्यवसायिक कदाचरण मानते हुए 19 लाख रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया है। अस्पताल ने कमाई के लालच में मरीज को सामान्य बताया, आईसीयू में रखा व ऑपरेशन कर दिया। इससे उनकी मौत हो गई। दुर्ग फोरम अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया।
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न्यू खुर्सीपार के राज पंजवानी ने यह परिवाद दायर किया था। उसके पिता खेराज पंजवानी को सीने में दर्द होने पर बीएमशाह हॉस्पिटल में जांच करवाई। वहां से मिली सलाह पर 21 अगस्त 2015 को उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया। वहां पहले स्थिति सामान्य बताई गई। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिलीप रत्नानी ने 24 अगस्त को जानकारी दी कि मरीज को आईसीयू में रखा है। ऑपरेशन की जरूरत है, क्योंकि वे बाहर जा रहे हैं,इसलिए रायपुर के एक निजी अस्पताल के डॉ. चंदेल को रेफर कर रहे हैं।
परिजनों ने इलाज हैदराबाद में करवाने की इच्छा जाहिर की। 27 अगस्त को परिवादी राज समरी रिपोर्ट लेकर वेन गंगा एक्सप्रेस से हैदराबाद के लिए रवाना हुआ। उनके भाई राजकुमार ने जानकारी डॉ. रत्नानी को दी, तो वे भड़क कर आईसीयू में चले गए। 5 मिनट बाद आकर राजकुमार से कहा कि मरीज की हालत बेहद गंभीर हो गई है, कुछ भी हो सकता है। वेन्टीलेटर की मंजूरी लिखित दें।
राजकुमार ने इसकी सहमति दे दी। सुबह डॉ. रत्नानी ने बताया कि ऑपरेशन की तैयारी कर रहा हूं, 50 हजार रुपए जमा कर दो। फिर बताया कि ब्लॉकेज ऑपरेशन से ठीक कर दिए हैं। दोपहर 3 बजे राज को बताया कि तुम्हारे पिता की मौत हो गई है।