मक्का हादसाः हज यात्री आखिर क्यों मारते हैं शैतान को पत्थर?
हज यात्रा करना हर मुसलमान का ख्वाब होता है। इस दाैरान एक रस्म होती है जिसके तहत प्रतीकात्मक रूप से शैतान को पत्थर मारे जाते हैं। यह रस्म इसलिए भी बहुत अहम है क्याेंकि इसके बाद ही हज यात्रा संपन्न होती है। इसके अलावा याह सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत संवेदनशील है क्योंकि कर्इ बार इस रस्म की अदायगी के समय भगदड़ मच चुकी है आैर कर्इ लोगाें की जानें गर्इं।
शैतान को पत्थर क्यों मारे जाते हैं? इस परंपरा का इतिहास भी बहुत प्राचीन है। इस्लामी मान्यताआें के अनुसार, मक्का के बाहरी इलाके मीना में शैतान को पत्थर मारने की यह रस्म अदा की जाती है।
जब वे कुर्बानी दे चुके तो आंखों से पट्टी हटार्इ। उनका बेटा सुरक्षित था आैर अल्लाह ने एक भेड़ की कुर्बानी ले ली। इस घटना के बाद शैतान को पत्थर मारने की रस्म शुरू हुर्इ।