मंदिरों पर हो रहे हमलों के बहाने स्थानीय पार्टियों को हिंदू और हिंदुत्व में नजर आने लगा अपना वोट बैंक

आंध्र प्रदेश में मंदिरों पर हो रहे हमलों के बहाने स्थानीय पार्टियों को हिंदू और हिंदुत्व में अपना वोट बैंक नजर आने लगा है। इनमें सबसे प्रमुख हैं तेलुगु देसम पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू। दक्षिण को ईसाइयों का गढ़ माना जाता रहा है। मतांतरण यहां कभी मुद्दा नहीं रहा लेकिन हाल ही में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को इस मुद्दे पर घेरा है। साथ ही मंदिरों में हुए हमलों का विरोध किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चर्च को वोट बैंक की राजनीति का केंद्र बनाया जा रहा है। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि चंद्रबाबू हिंदुत्व कार्ड खेल सकते हैं। दक्षिण भारत की राजनीति में समझ और दखल रखने वालों का मानना है यह एक तीर से दो निशाना है।

इसलिए खेला हिंदुत्व कार्ड

चंद्रबाबू ने हिंदुत्व का कार्ड इसलिए खेला क्योंकि इस बहाने वे खोए हुए जनाधार को पाना चाहते हैं। वहीं हिंदुत्व के आधार पर भाजपा आंध्र प्रदेश में जो जनाधार बना सकती है उसमें पहले से ही सेंध लगाकर उसे आने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इसमें वे कितना सफल होंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

नायडू के आरोप

पुलिस स्टेशन में क्रिसमस समारोह और वेंकटेश्वर मंदिर में क्रिसमस की प्रार्थना हो रही है।

दलील

ईसाइयों की सरपरस्ती में हिंदुओं और मुसलमानों से भेदभाव नहीं किया जा सकता है। इसके मद्देनजर विजयनगरम स्थित रामातीर्थम मंदिर में क्षतिग्रस्त हुईं मूíतयों की न्यायिक और सीबीआई जांच की मांग।

आंध्र प्रदेश: पांच साल में मंदिरों पर इतने हमले

2015- 290

2016-322

2017- 318

2018- 267

2019- 305

2020- 228

(आंकड़े: आंध्र प्रदेश पुलिस के अनुसार)

गुंटूर के दुर्गा मंदिर से पितापुरम मंदिरों तक तोड़फोड़ से चला सिलसिला

– 21 जनवरी 2020 को पूर्वी गोदावरी जिले के पितापुरम में मौजूद मंदिरों की कई मूर्तियो को तोड़ दिया गया।

– 11 फरवरी 2020 को गुंटूर जिले के रोमपिचेरला में वेणुगोपाल स्वामी की मूíतयों में तोड़फोड की गई।

– 13 फरवरी को उद्रजावरम मंदिर के मुख्य दरवाजे को तोड़ दिया गया।

– 14 फरवरी को कोंडा बित्रगुंटा के प्रसन्ना वेंकटेश्वर मंदिर में रथ में आग लगाए जाने की घटना हुई।

– 7 सितंबर 2020 को अंतर्वेदी लक्ष्मीनरसिम्हा स्वामी मंदिर के रथ को जला दिया गया।

– 25 सितंबर को तुम्मुर में अंजनेय स्वामी की मूíतयों को तोड़ा गया।

– 5 अक्टूबर 2020 को कुरनूल जिले में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में शेषनाग वाली मूíत को नुकसान पहुंचाया।

– 16 अक्टूबर को इस तरह की अफवाह फैली कि तुर्लापादु में श्री वीरभद्र स्वामी के मंदिर के टावर को तोड़ दिया गया।

इधर अंबाती का आरोप: रातों रात 40 मंदिरों को ध्वस्त किया था नायडू ने

वहीं विधायक अंबाती रामबाबू ने आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू अपने वोट बैंक का दायरा बढ़ाने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन हकीकत में उन्हें अपनी जाति के अलावा किसी भी धर्म के प्रति कोई सम्मान नहीं है। नायडू ने अपने शासन के दौरान रातोंरात 40 मंदिरों को ध्वस्त करा दिया था।

Back to top button