खतरे की घंटी: भारत पर तोपें तानने के लिए चीन ने चुना नया ठिकाना

चीन ने पाकिस्तान के सहारे बड़ा के खिलाफ बड़ा दांव चला है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की सुरक्षा के बहाने अब चीन ने भारत के मुंह पर तोपें तानने का फैसला लिया है। खबर है कि ग्वादर पोर्ट पर चीन का विमानवाहक लड़ाकू समुद्री जहाज तैनात करने की तैयारी कर ली गई है।

खतरे की घंटी: भारत पर तोपें तानने के लिए चीन ने चुना नया ठिकाना

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अभी तक चीऩ़ अरुणाचल प्रदेश के पास बॉर्डर पर भारत के खिलाफ सैन्य गतिविधियां करता था। लेकिन अब उसे एक नया ठिकाना मिल गया है। इस बारे में पाक नौसेना के अधिकारी के हवाले से बताया है कि ये आर्थिक गलियारा दोनों देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

दोनों देशों का तर्क है कि ग्वादर पोर्ट और व्यापारिक रास्तों की हिफाजत के लिए ये कदम उठाया गया है। बता दें कि भारत इस आर्थिक गलियारे से पहले ही खुश नहीं है और ग्वादर पर चीनी सेना की तैनाती से ये साफ़ हो गया है कि चीनी सेना दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने की नीति पर अब भी कायम है।

ग्‍वादर बन सकता है भारत के सिर का दर्द

ग्वादर में अपने शिप को तैनात करने की बात से चीन ने इनकार नहीं किया है। यह कदम अमेरिका और भारत के लिए खतरे की घंटी है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि CPEC और ग्वादर पोर्ट से पकिस्तान और चीन के बीच सैन्य ताकत बढ़ेगी। इससे चीनी सेना को अरब सागर तक पहुंचने में भी आसानी होगी। बता दें कि CPEC का पहला फेज इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।

तीन साल में यह पूरा बनकर तैयार हो जाएगा। पाक आरोप लगाता रहा है कि भारत कॉरिडोर के बनने में मुश्किलें खड़ी कर रहा है। राहिल शरीफ ने पिछले दिनों कहा था, “भारत इस डेवलपमेंट के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। रॉ (RAW) इस पर नजर रख रखी है।

चीन और पाक की पूरी योजना

ग्वादर में नौसैनिक अड्डा होने से चीनी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में अपने बेड़े की मरम्मत और रखरखाव जैसे कार्य के लिए भी बंदरगाह का इस्तेमाल कर पाएंगे। ऐसी कोई भी सुविधा चीन की नौसेना के भविष्य के मिशन्स के लिए उसे सहयोग प्रदान करने वाली पहली वैदेशिक सुविधा होगी। पाकिस्तानी रक्षा अधिकारी चाहते हैं कि चीनी नौसेना हिंद महासागर और अरब सागर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराए।

तुर्की-चीन से शिप खरीदने की तैयारी

अफसर के मुताबिक, पाकिस्तान, ग्वादर पर स्पेशल स्क्वॉड्रन भी तैनात करेगा। एक अन्य अफसर के मुताबिक, एक स्क्वाड्रन में 4 से 6 वॉरशिप हो सकते हैं। अफसर ने यह भी बताया कि पाक नेवी अपने स्पेशल स्क्वॉड्रन के लिए चीन और तुर्की से सुपरफास्ट शिप खरीदने के बारे में सोच रही है।

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