भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता कर रहे प्राइवेट सेक्टर: रक्षा उत्पादन सचिव

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं की, आत्मनिर्भर भारत में डिफेंस सिस्टम का सबसे बड़ा योगदान है, भारत अब रक्षा क्षेत्र में बाहर से मदद लेने की जगह खुद एक्सपोर्ट करने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत का रक्षा क्षेत्र आयात को कम कर सकता है और भारत अधिक आत्मनिर्भर हो सकता है। इंडिया टुडे डिफेंस समिट में बात करते हुए विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।

इसपर अपने विचार रखते हुए रक्षा मंत्रालय के सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार ने कहा कि ये साल हम सभी के लिए काफी उतार चढ़ाव भरा रहा, कोरोना ने एक चीज हमें सिखाई है वो ये कि आत्मनिर्भर बनना कितना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमें सिखाया कि हम अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं रह सकते हैं बल्कि, हमें खुद इन्हें पूरा करना होगा।

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राज कुमार ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर देश को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत ही बढ़िया काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में DRDO ने 1000 से अधिक टेक्नोलॉजी बनाई हैं। हम डीआरडीओ के साथ-साथ बाकी भारतीय कंपनियों को भी इसमें शामिल करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि डोमेस्टिक कैपिटल के लिए एक अलग से बजट बनाया जाएख्उ न्होंने आगे कहा कि ये सब हमें आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में मदद करेगा।

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सीएमडी ने कहा कि भारत अब दूसरे देशों को डिफेंस उपकरण मुहैया करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वियतनाम, श्रीलंका, अमेरिका और सिंगापुर सहित कई देशों को हमने उपकरण दिए हैं और भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर हम आने वाले पांच सालों में और भी बेहतर कर सकते हैं। सौर उद्योग के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल ने कहा कि भारत कंपनियों को इस अगले पांच सालों में रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए धैर्य के साथ करना होगा।

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