भारत और चीन की सेना के मेल से पाकिस्तान में मचा हाहाकार…

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की एंट्री और दक्षिण चीन सागर में आवाजाही को लेकर दोनों देशों में विरोध के बावजूद इस अभ्यास की योजना बनाई गई है। ‘हैंड इन हैंड’ नाम का यह अभ्यास छठी बार होने जा रहा है। यह एक साल भारत में तो दूसरे साल चीन में होता है। इस साल यह अभ्यास पुणे में होगा। अनुमान है कि इसे 15 से 27 नवंबर के बीच किया जाएगा, हालांकि तारीख अभी फाइनल नहीं है। इसमें भारत की ओर से 150 से ज्यादा सैनिकों की टुकड़ी हिस्सा लेगी। इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के हथियारों से वाकिफ होंगी। ट्रेनिंग लेक्चर का भी सेशन होगा।img
आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने का अभ्यास भी दोनों देशों की सेनाएं करेंगी। जॉइंट कमांड पोस्ट के तहत सेनाएं मिलकर आतंकवादियों से लड़ने का अभ्यास करेंगी। यह अभ्यास ऐसे समय में होगा, जब चीन के ‘पक्के दोस्त’ कहे जाने वाले पाकिस्तान के साथ भारत का तनाव चरम पर है। उधर पाकिस्तान और रूस पहली बार सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
रूस को भारत का परंपरागत दोस्त माना जाता है, जबकि पाकिस्तान और रूस में दुश्मनी रही है। चीन के साथ पहले के एक अभ्यास में हिस्सा ले चुके एक अफसर ने बताया कि चीन के सैनिकों का बर्ताव अभ्यास के दौरान सद्भावपूर्ण होता है।
जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादी घोषित कराने की भारत की मुहिम को चीन ने रोक रखा है। हाल में भारत और चीन के बीच आतंकवाद के मसले पर पहली बार हाई लेवल बातचीत हुई थी। चीन खुद शिनचियांग प्रांत में आतंकवादी गतिविधियों का सामना कर रहा है। पिछले साल चीन ने एक कानून पास किया है, जिसके तहत उसकी सेना विदेश में भी आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम चला सकती है।

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