ब्रिटेन में मचा हड़कंप, सामने आए डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के 77 मामले

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कुछ नए मामलों ने हाहाकार मचा दिया है। ब्रिटेन के अंदर भारत में मिले कोरोना के ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट के 77 मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक भारतीय वैरियंट B.1.617 के 77 मामलों की पहचान की है, जो COVID-19 बीमारी का कारण बनते है। ये पहली बार भारत में पाया गया था और ब्रिटेन से इसे एक वैरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन (VUI) नाम दिया है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE), जो ब्रिटेन में वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न (VOC) और VUI के नए मामलों की संख्या के बारे में साप्ताहिक अपडेट जारी करता है, उसने गुरुवार को बताया कि भारत में पहली बार सामने आए वैरिएंट में कई म्यूटेशन शामिल हैं।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) की साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा गया है कि PHE द्वारा एक नए वैरिएंट को वेरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन (VUI) नामित किया गया है। भारत में पहली बार सामने आए वेरिएंट में E484Q, L452R और P681R सहित कई म्यूटेशन शामिल हैं। पीएचई ने ब्रिटेन में इस प्रकार के 77 मामलों की पहचान की है। इस वेरिएंट को VUI-21APR-01 नामित किया गया है। पीएचई और अंतर्राष्ट्रीय साझेदार इस स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।

क्या है भारत में मिला डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट

भारत में मिला कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट जिसे B.1.617 स्ट्रेन भी कहते हैं इस म्यूटेशन से वैरिएंट के तेजी से फैलने की आशंका होती है और यह आंशिक रूप से विकसित प्रतिरक्षा तंत्र से भी बच सकता है। माना जा रहा है कि यह वैरिएंट COVID-19 महामारी की भारत की मौजूदा दूसरी लहर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है, जिसमें संक्रमण की दर और अस्पताल में भर्ती होने के कारण एक बार फिर वृद्धि हुई है।

कोरोना का ये प्रकार तेजी से फैलता है यानि ये ज्यादा संक्रामक है।  साथ ही यह शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र से बचने में भी सक्षम है। यह नया ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र से बचकर बॉडी में संक्रामकता के स्तर को बढ़ाता है। 

म्यूटेशन और वैरियंट में अंतर

कोई भी वायरस जब रूप बदलता है तो वह पूरा नहीं होता उसके कुछ न कुछ घटक छूट जाते हैं और इसे ही हम म्यूटेशन(Mutation) कहते हैं। जब उस म्यूटेशन का इंसानों पर असर होता है तो उसे वैरिएंट(Variant) कहा जाता है।

भारत में मिला कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट जिसे B.1.617 स्ट्रेन भी कहते हैं इस म्यूटेशन से वैरिएंट के तेजी से फैलने की आशंका होती है और यह आंशिक रूप से विकसित प्रतिरक्षा तंत्र से भी बच सकता है। माना जा रहा है कि यह वैरिएंट COVID-19 महामारी की भारत की मौजूदा दूसरी लहर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है, जिसमें संक्रमण की दर और अस्पताल में भर्ती होने के कारण एक बार फिर वृद्धि हुई है।

कोरोना का ये प्रकार तेजी से फैलता है यानि ये ज्यादा संक्रामक है।  साथ ही यह शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र से बचने में भी सक्षम है। यह नया ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र से बचकर बॉडी में संक्रामकता के स्तर को बढ़ाता है। 

म्यूटेशन और वैरियंट में अंतर

कोई भी वायरस जब रूप बदलता है तो वह पूरा नहीं होता उसके कुछ न कुछ घटक छूट जाते हैं और इसे ही हम म्यूटेशन(Mutation) कहते हैं। जब उस म्यूटेशन का इंसानों पर असर होता है तो उसे वैरिएंट(Variant) कहा जाता है।

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