
सुधांशु सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे अपने काम के प्रति बेहद संजीदा हैं। मगर पिछले कुछ दिनों से वे बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें डॉक्टर ने एक महीने आराम करने की सलाह दी है। साथ ही, यह हिदायत भी कि वे ऑफिस में टेंशन-फ्री होकर काम करें। दरअसल, सुधांशु को हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो गई है।
इन दिनों सुधांशु जैसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो ऑफिस प्रेशर की वजह से गंभीर बीमारी के शिकार होते हैं। ऑफिस एक डिमांडिंग प्लेस है। यहां कर्मचारियों से हमेशा मल्टी-टास्क करने की अपेक्षा की जाती है। कंपनी का टारगेट पूरा करने के लिए उन पर डेडलाइंस की तलवार लटकी रहती है। साथ ही, उन पर आउटपुट बेहतर देने का दबाव भी बना रहता है। इस वजह से ऑफिस-गोअर्स अक्सर तनाव से संबंधित बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। मगर यदि हम अपनी जीवनशैली संतुलित रखने के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखें, तो तमाम बीमारियों का शिकार होने से बच सकते हैं।
घर में ऑफिस की नो एंट्री
किसी बात को लेकर रुचि और बॉस के बीच बहस हो गई। आवेश में आकर बॉस ने उसे कड़े शब्दों में डांट दिया। उनकी बात को रुचि ने दिल से लगा लिया। घर पहुंचने के बावजूद वह इस विषय पर देर तक सोचती रही कि आखिर उन्होंने यह बात उससे क्यों कह दी! परिणाम यह हुआ कि नींद पूरी न होने के कारण वह चिड़चिड़ी हो गई और तनाव की शिकार भी।
लाइफस्टाइल एक्सपर्ट कहते हैं तक कभी भी ऑफिस की बातों का पुलिंदा समेटकर घर तक न ले जाएं। ऑफिस की टेंशन वहीं छोड़कर जाएं। अपना काम समय पर पूरा करें और ऑफिस की बेकार बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दें। घर आने के बाद फैमिली लाइफ का आनंद लें।
न्यूट्रिशन पर करें गौर
कुछ लोग ऑफिस आने के तुरंत बाद कहते हैं, ‘आज मुझे लो फील हो रहा है। काम करने में मेरा मन बिल्कुल ही नहीं लग रहा है।’ अगर आप भी कुछ ऐसा महसूस करते हैं, तो तुरंत किसी न्यूट्रिशनिस्ट से मिलें। उनसे अपने न्यूट्रिशन लेवल की जांच कराएं। कभी-कभी गलत खानपान भी एकाग्रता को भंग करता है और व्यक्ति थकान का शिकार हो जाता है। दिन की शुरूआत में एक सामान्य और स्वस्थ व्यक्ति को ऊर्जा से भरपूर होना चाहिए। यदि आप काम पर ध्यान केंद्रित नहीं रख पाने के कारण गलतियां करते हैं, तो जाहिर है कि आप पर वर्क प्रेशर बढ़ेगा। इससे आप और अधिक गलतियां कर सकते हैं। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज हमारे मूड को हल्का कर देती है। इससे हम न केवल तरोताजा महसूस करते हैं, बल्कि हमारी काम की स्पीड भी बढ़ जाती है।
पहचानें अपना एनर्जी लेवल
हमारा शरीर एक रिदम अनुसार चलता है। दरअसल कुछ लोग दिन की शुरूआत में खुद को ऊर्जा से भरपूर पाते हैं, तो कुछ दोपहर या फिर शाम को। हमें अपने शरीर के इसी रिदम को समझना होगा। हमें अपने शरीर के एनर्जी लेवल के अनुसार काम करना चाहिए। जिस समय आप खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं, उसी समय हाई-वैल्यू टास्क निपटाएं। लाइफ एक्सपर्ट कहते हैं कि खुद को तरोताजा रखने के लिए काम से ब्रेक भी जरूर लेते रहें। तभी आप तरो-ताजा महसूस करेंगे और बेहतर तरीके से अपने काम को अंजाम दे पाएंगे।
ध्यान रखने वाली बातें:
- जब आप फ्रेश महसूस कर रहे हों और आपका मूड बढ़िया हो, तब महत्वपूर्ण काम पहले निपटा लें।
- हर एकाध घंटे बाद, जब भी मौका मिले, सीट से उठकर थोड़ा टहल लें। इस प्रकार 2-3 मिनिट का ब्रेक लें।
- हल्के-फुल्के काम उस वक्त के लिए छोड़ें, जब आप थके हुए हों और ऊर्जा की कमी महसूस कर रहे हों।
- अपने साथियों से बात करते रहें। वर्कप्लेस पर सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध रखना बहुत जरूरी है।
- तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी शारीरिक व दिमागी कसरत करते रहें।
- रोज 8 घंटे की नींद जरूर लें