बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है। 80 से ज्यादा बच्चे इस रहस्यमयी बीमारी की वजह से मौत के गाल में समा चुके हैं। सूबे का मुजफ्फरपुर कस्बा इस बीमारी की सबसे ज्यादा चपेट में है। 1995 से ही यह रहस्यमय बीमारी यहां बच्चों को अपना शिकार बनाती आई है। हर साल मई और जून के महीने में बिहार के विभिन्न कस्बे इस बीमारी की चपेट में आते हैं और बच्चों के मरने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और डॉक्टरों की असंवेदनशीलता भी देखने को मिली है। आइए जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण और क्या लीची खाने से हुई यह बीमारी …
बिहार में असमय ही बच्चों की जीवन लीला लील लेने वाली यह बीमारी अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) है। इसे दिमागी बुखार या चमकी बुखार भी कहा जाता है। साल 2014 में इस बीमारी की वजह से हजारों बच्चे अस्पतालों में भर्ती हुए थे। 122 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। यह इतनी खतरनाक और रहस्यमयी बीमारी है कि अभी तक एक्सपर्ट भी इसकी सही-सही वजह का पता नहीं लगा पाए हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स इस बीमारी के वास्तविक कारण को जानने में लगे हुए हैं लेकिन कोई ठोस वजह निकलकर सामने नहीं आई है।
हालांकि इस बीमारी की कई वजहों में एक वजह लीची को भी बताया गया है। यह बीमारी शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी की तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। सबसे ज्यादा बच्चे इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं और अस्पतालों में हर दिन दम तोड़ रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक कुल 200 से ज्यादा संदिग्ध चमकी बुखार के मामले सामने आ चुके हैं।
इस बीमारी में शुरुआत में तेज बुखार आता है। इसके बाद बच्चों के शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। इसके बाद तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है। बच्चे बुखार की वजह से बेहोश हो जाते हैं और दौड़े भी पड़ने लगते हैं। बुखार के साथ ही घबराहट भी शुरू होती है और कई बार कोमा में जाने की स्थिति भी बन जाती है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि अगर बच्चों व बड़ों को सही वक्त पर इलाज नहीं मिलता है तो मौत हो तय है।
इंडियाज नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में छपी जांच रिपोर्ट ने इस बीमारी के कई वजहों में से एक लीची को भी बताया।
खाली पेट लीची खाने को इस बीमारी की वजह बताया गया है। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि इतने छोटे बच्चे लीची कैसे खा सकते हैं ? लासेंट ग्लोबल हेल्थ में छपी रिपोर्ट में भी इस बीमारी की वजह सो लीची ही बताया गया है।