बिहार के मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का कहर, अब तक 84 बच्चों की मौत
बिहार में दिमागी बुखार का कहर जारी है। 15 दिनों के भीतर एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से 84 बच्चों की मौत हो गई है। सरकार और डॉक्टरों की टीम के लाख प्रयास के बावजूद लगभग हर दिन बच्चों की मौत हो जा रही है। शनिवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया था, जबकि रविवार को उनके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे पहुंचे।
यहां पढ़ें आज दिनभर की स्थिति का अपडेटः
-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सुबह करीब नौ बजे दिल्ली से पटना एयरपोर्ट पहुंचे। सड़क मार्ग से उनका काफिला आगे बढ़ते ही जन अधिकार पार्टी (जाप) कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए।जाप कार्यकर्ता उनकी गाड़ी के आगे लेट गए और देरी से आने पर विरोध जताते हुए नारेबाजी की।
-डॉ हर्षवर्धन सुबह करीब 11 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचे और करीब 11ः45 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ एसकेएमसीएच पहुंचे। इस दौरान एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित पांच साल की एक और बच्ची नीसा की मौत हो गई। उसे शनिवार को भर्ती कराया गया था।
-दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और बातचीत कर ढाढस बंधाया। उन्होंने डॉक्टरों से स्थिति की जानकारी ली और उन्हें बच्चों के समुचित इलाज का निर्देश दिया।
केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से पहले मुजफ्फरपुर अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के पिता ने कहा कि यहां स्थिति बदहाल है। डॉक्टर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर घंटे बच्चों की मौत हो रही है। आधी रात के बाद से डॉक्टर नहीं हैं, केवल नर्सों की ड्यूटी लगा दी गई है।
बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार से हो रही मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार शुरुआत से काम कर रही है। यहां दवाओं की भी कोई कमी नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि फिलहाल जो आपातकालीन स्थिति बन पड़ी है, उसके अनुसार आईसीयू और बेड की कमी है।