
पेइचिंग (28 सितंबर): कहते हैं अगर इंसान कुछ कर गुजरने की ठान लेता है तो कोई भी मुश्किल उसको मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक पाती। इसका ताजा उदाहरण कियान होंग्यान है, जिसने एक एक्सिडेंट में अपने दोनों पैर गंवाने के बाद भी तैराकी में एक नया मुकाम हासिल किया है।
कियान चीन के यून्नान प्रांत के ग्रामीण इलाके की रहने वाली है। आज वह चीन सहित विश्व की तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई है। उसे सभी बास्केटबॉल गर्ल के नाम से जानते हैं और वह तैराकी में चैम्पियन है। साल 2000 में 4 साल की उम्र में उसने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। कियान के परिवार की माली हालत ऐसी नहीं थी कि उसको उस वक्त कृत्रिम पैर लगाए जा सकें जिसकी वजह से उसे अपने हाथों के सहारे चलना सीखना पड़ा। इस दौरान शरीर का बैलेंस बनाने में मदद करने के इरादे से उसकी दादा ने एक बास्केटबॉल को काटकर उसके निचले हिस्से में लगा दिया जिसे देख सभी उसे बास्केटबॉल गर्ल के नाम से पुकारने लगे।
कियान ने अपना ध्यान स्पोट्रस पर लगाया और उसने तैराकी का अभ्यास शुरू कर दिया। उसकी मेहनत देख उसे डोनेशन मिलने लगे और इसी के सहारे उसने कृत्रिम पांव लगवाए। 11 साल की उम्र में वापस अपने गांव आ गई और विकलांगों के एक तैराकी क्लब की सदस्य बन गई। उसकी मेहनत काम आई और वह एक कामयाब तैराक बन गई। उसने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मैडल भी जीते। 2009 में उसने चीन के राष्ट्रीय पैरालिम्पिक स्वीमिंग कम्पीटिशन में 1 गोल्ड और 2 सिल्वर मैडल जीते। सितंबर 2014 में उसने यून्नान प्रोवैंशियल पैरालिम्पिक गेम्स में 100 मीटर बैकस्ट्रोक का फाइनल जीता।