
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में 9 दिन से सुरंग के मलबे में फंसे मजदूरों को जल्द बाहर निकाले जाने की आस बढ़ गई है। बचाव दल सुरंग के करीब पहुंच चुका है। कई दिनों से चल रहा ड्रिलिंग का काम खत्म हो चुका है। एनडीआरएफ़ की टीम अब सुरंग के अंदर उतरने की तैयारी में है।
इससे पहले रविवार को सुरंग की छत को ड्रिल करते वक्त मशीन खराब हो गई। फिर नई मशीन मंगाई गई, जिसके बाद ड्रिलिंग का काम पूरा हुआ। बचाव दल लगातार दो मज़दूरों से संपर्क में है, लेकिन तीसरे मजदूर का अब तक कोई अता-पता नहीं है। मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन, ग्लूकोज, ओआरएस, जूस दिया जा रहा है। साथ ही सेहत पर भी नज़र रखी जा रही है। मौके पर डॉक्टर भी मौजूद है।
सुरंग में फंसे सतीश और मनीराम से सीसीटीवी के जरिये संपर्क किया गया। दोनों की हालत ठीक है, लेकिन तीसरे मजदूर हृदय राम का कुछ पता नहीं चल पाया। लगातार बारिश और भारी ड्रिलिंग रिंग में गड़बड़ी आने से एक निर्माणाधीन सुरंग में तकरीबन एक सप्ताह से फंसे तीन श्रमिकों को बचाने का काम बाधित हुआ।
विशेष सचिव (आपदा प्रबंधन एवं राजस्व) डीडी शर्मा ने कहा कि फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए 1.2 मीटर मोटाई वाली सुरंग को खोदने का काम लगभग पूरा हो गया था और एक मीटर से भी कम की खुदाई बाकी थी जब भारी ड्रिलिंग रिंग में अचानक खराबी आ गई। इसकी वजह से ड्रिल के एक हिस्से को हटाना पड़ा और अभियान को निलंबित करना पड़ा था।
गौरतलब है कि कीरतपुर से मनाली के बीच 4 लेन नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के लिए पनोह गांव के पास बन रही इस सुरंग में तीन मजदूर 12 सितंबर से फंसे हैं।