अहमदाबाद/नई दिल्ली. बांग्लादेश के पहले हिंदू चीफ जस्टिस सुरेंद्रकुमार सिन्हा सोमवार को अहमदाबाद में थे। वे गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। जस्टिस सिन्हा ने ‘बांग्लादेश में कानून का शासन एवं लोकतंत्र को मजबूत बनाने में न्यायपालिका के योगदान’ विषय पर व्याख्यान दिया।
जस्टिस सिन्हा बांग्लादेश न्यायपालिका की उस पीठ का हिस्सा रहे हैं जिसने बंगबंधु हत्या मामले में याचिकाओं की सुनवाई की थी। वे 2018 तक चीफ जस्टिस रहेंगे। दिव्य भास्कर रिपोर्टर अपूर्व त्रिवेदी ने गांधीनगर में उनसे कई मसलों पर बात की…
आपने 1971 के युद्ध अपराधी अली की फांसी बरकरार रखी, आप फांसी की सजा के पक्ष में हैं?
बिल्कुल। मैं दृढ़ता से कहना चाहता हूं कि जिस तरह दुनिया में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं, ऐसे में फांसी की सजा खत्म नहीं होनी चाहिए। आतंकियों को उनके कृत्य के लिए फांसी मिलनी ही चाहिए।
आप बांग्लादेश के पहले गैर मुस्लिम या कहें कि पहले हिंदू चीफ जस्टिस हैं, कैसे पहुंचे इस मुकाम तक?
मैं हमेशा लॉ के छात्रों से कहता हूं कि टॉप पर बहुत कम जगह होती है। वहां वही पहुंच सकता है जो मैरिट में सामान्य के मुकाबले आगे होगा। वही बनने का प्रयास कीजिए। मैं इसे खुद पर भी लागू करता हूं। मेरे चीफ जस्टिस बनने में मैरिट और लोकतंत्र की भूमिका है। इसमें जात-पात और धर्म को देखे बिना सक्षम व्यक्ति चुना जाता है।
भारत में बड़ी मात्रा में बांग्लादेश के रास्ते जाली नोट आते हैं, आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
मैं इससे सहमत हूं। जांच एजेंसियों के हाथ कुछ सबूत लगे हैं। इनसे पता चलता है कि पाकिस्तान हमारे देश बांग्लादेश के रास्ते भारत में जाली नोट भेजता है। हाल ही में हमने लगभग एक टन जाली नोट पकड़े है। हालांकि जांच एजेंसियां इनके मूल्य की गणना कर रही है।
भारत में गौमांस पर प्रतिबंध को लेकर माहौल गर्म है, विवाद भी है, आपकी सोच क्या कहती है?
ये मुद्दा कोर्ट में चल रहा है। सरकार अपने हिसाब से इस पर कोई फैसला ले। अगर कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जाती है तो फिर जो कोर्ट तय करे, वो अमल हो। मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।
बांग्लादेश में आईएस के दखल की चर्चा है। उसने चार ब्लॉगर और इटालियन एड वर्कर की हत्या कर दी। क्या बांग्लादेश में आईएस सक्रिय हो गया है ?
ऑफकोर्स, आईएस बांग्लादेश के युवा वर्ग में व्याप्त धार्मिक जुनून का दुरुपयोग कर वहां बेस बनाने की फिराक में है। समय आ गया है कि पूरी दुनिया आईएस और आतंकवाद के दूसरे स्वरूपों के खिलाफ मुकाबले के लिए एकजुट हो जाए। यह एक वैश्विक मुद्दा है जिसका भारत और बांग्लादेश सामना कर रहे हैं।
बिल्कुल। मैं दृढ़ता से कहना चाहता हूं कि जिस तरह दुनिया में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं, ऐसे में फांसी की सजा खत्म नहीं होनी चाहिए। आतंकियों को उनके कृत्य के लिए फांसी मिलनी ही चाहिए।
मैं हमेशा लॉ के छात्रों से कहता हूं कि टॉप पर बहुत कम जगह होती है। वहां वही पहुंच सकता है जो मैरिट में सामान्य के मुकाबले आगे होगा। वही बनने का प्रयास कीजिए। मैं इसे खुद पर भी लागू करता हूं। मेरे चीफ जस्टिस बनने में मैरिट और लोकतंत्र की भूमिका है। इसमें जात-पात और धर्म को देखे बिना सक्षम व्यक्ति चुना जाता है।
मैं इससे सहमत हूं। जांच एजेंसियों के हाथ कुछ सबूत लगे हैं। इनसे पता चलता है कि पाकिस्तान हमारे देश बांग्लादेश के रास्ते भारत में जाली नोट भेजता है। हाल ही में हमने लगभग एक टन जाली नोट पकड़े है। हालांकि जांच एजेंसियां इनके मूल्य की गणना कर रही है।
ये मुद्दा कोर्ट में चल रहा है। सरकार अपने हिसाब से इस पर कोई फैसला ले। अगर कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जाती है तो फिर जो कोर्ट तय करे, वो अमल हो। मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।
ऑफकोर्स, आईएस बांग्लादेश के युवा वर्ग में व्याप्त धार्मिक जुनून का दुरुपयोग कर वहां बेस बनाने की फिराक में है। समय आ गया है कि पूरी दुनिया आईएस और आतंकवाद के दूसरे स्वरूपों के खिलाफ मुकाबले के लिए एकजुट हो जाए। यह एक वैश्विक मुद्दा है जिसका भारत और बांग्लादेश सामना कर रहे हैं।