फ्लिपकार्ट, उबर, स्नैपडील, वोडाफोन सहित 87 कंपनियों के विज्ञापन भ्रामक
विज्ञापनों की निगरानी करने वाला भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएसआईसी) ने फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, उबर, वोडाफोन, लॉरियल, फोर्टिस हेल्थकेयर, भारत संचार निगम लिमिटेड, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर, करियर लांचर सहित 82 कंपनियों के विज्ञापन को गुमराह करने वाला पाया है।
एएसआईसी की उपभोक्ता शिकायत परिषद ने पर्सनल एंड हेल्थकेयर में 26 कंपनियों के विज्ञापन को लेकर मिली शिकायतों को सही पाया है। इसी तरह से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े 22 विज्ञापन भ्रामक पाए हैं। परिषद ने ई-कामर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के मूल अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक एमआरपी बताकर उसपर छूट देने को लेकर की गई शिकायत को सही पाया है।
कंपनी की वेबसाइट पर 999 रुपए की एमआरपी का दावा किया गया था जबकि उसका वास्तविक एमआरपी मात्र 449 रुपए था। कंपनी ने 999 रुपए एमआरपी पर छूट की पेशकश की थी।
परिषद ने कहा कि इस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर फ्लिपकार्ट ने ग्राहकों को भ्रमित किया है। परिषद ने पाया कि दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 5555 रुपए के डाउन पेमेंट और 999 रुपए की सबसे कम मासिक किस्त वाली स्कीम का विज्ञापन भ्रामक है।
वोडाफोन एस्सार लिमिटेड के थ्री जी नेटवर्क पर बगैर किसी बाधा के वॉयस कॉल के दावे को आधारहीन पाया गया है। परिषद ने इसी तरह से उबर और जसपर इंफोटेक के विज्ञापन को भी भ्रामक पाया है।
जसपर इंफोटेक स्पनैडील की होल्डिंग कंपनी है। उबर के विज्ञापन में यू ड्रिंक वी ड्राइव का स्लोगन दिया गया जिसे जारा जैसे बार का प्रतीक चिन्ह दिखा गया था। परिषद ने कहा कि उबर ने इस तरह से अल्कोहल सेवन को बढ़ावा दिया है। इसी तरह से जसपर इंफोटेक के एक विज्ञापन में एक व्यक्ति को बगैर हेलमेट के मोटरसाइकिल चलाते हुए दिखाया गया है जिसे परिषद ने गैर जिम्मेदाराना माना है।
परिषद ने लॉरियल इंडिया की न्यू गारनियर एक्शन फेसवॉश और गारनियर प्योर एक्टिव नीम प्लस तुलसी फेसवॉश के विज्ञापन को भ्रामक पाए जाने पर खिंचाई की है। उसने फोर्टिस हेल्थकेयर के विज्ञापन को लेकर की गई शिकायत को भी सही पाया है।