पैराग्लाइडिंग विश्व कप के लिए हिमाचल के बीर, बिलिंग तैयार

paragliding-world-cup-himachal-300x153बीर (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में दो छोटे से पर्यटन स्थल बीर और बिलिंग 24 अक्टूबर से शुरू हो पैराग्लाइडिंग विश्व कप के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से दक्षिण एशिया में पहली बार हो रहे इस आयोजन में विश्व के चार शीर्ष पैराग्लाइडिंग पायलटों में से तीन हिस्सा लेंगे।

फ्रांस के 13 पायलट

बिलिंग पैराग्लाइडिंग संघ के प्रमुख और हिमाचल प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने शुक्रवार को यहां बताया कि फ्रांस ने इस विश्व कप के लिए 13 पायलटों को भेजा है। इनमें से कई विश्व कप और सुपर विश्व कप में हिस्सा ले चुके हैं। फ्रांसीसी दल में ही विश्व का नम्बर-1 पैराग्लाइडर मौजूद है।

दुनिया के बेहतरीन प्राकृतिक स्थल
बीर, बिलिंग को पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया के बेहतरीन प्राकृतिक स्थल के रूप में जाना जाता है। बीर, बिलिंग में हिस्सा लेने वाले शीर्ष पायलटों में फ्रांस के जूलियन विर्ट्ज (विश्व नम्बर-1), स्लोवेनिया के विदिक जुरिज और र्ज्रमनी के टॉर्सटेन सिगेल शामिल हैं। सितम्बर 2011 से फरवरी 2012 तक विश्व नम्बर-1 पैराग्लाइडर रहे जर्मनी के आंद्रेस मालेकी और फ्रांस के मेक्सिन पिनोट अन्य प्रमुख प्रतियोगी हैं। भारत में पहली बार हो रहे इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत समेत 35 देशों के 135 पायलट हिस्सा ले रहे हैं। बीर, बिलिंग इस आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

स्नो लेपर्ड बने पहचान
इस आयोजन के लिए कांगड़ा घाटी में पाए जाने वाले स्नो लेपर्ड (बर्फिले चीते) को इसका शुभंकर बनाया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकारण (एएआई) इस आयोजन का मुख्य प्रायोजक है। पैराग्लाइडिंग विश्व कप के दौरान बिलिंग पैराग्लाइडरं के लिए लांचिंग पैड होगा जबकि वहां से 14 किलोमीटर दूर स्थित बीर लैंडिंग साइट होगा।

भारतीय चुनौती भी
शर्मा ने बताया कि बीर, बिलिंग में 24 अक्टूबर से भारतीय चुनौती भी देखने को मिलेगी। देश के सबसे अनुभवी घरेलू पायलटों में से एक अजय कुमार स्थानीय चुनौती की अगुवाई करेंगे। भारतीय टीम में अजय के अलावा गुरप्रीत ढींढसा, ज्योति ठाकुर, अरविंद पाल, प्रकाश चंद, गौतम नाथ और संजय कुमार शामिल हैं।

भारत के पांच पायलट
भारतीय टीम में पांच पायलट भी शामिल हैं, जो हिमाचल के निवासी हैं। इनकी मौजूदगी प्रशिक्षण और अभ्यास के दौरान स्थानीय परिस्थितियों को समझने में भारतीय टीम की मदद करेगी। बिलिंग में पैरा-ग्लाइडर अधिकतम 4500 मीटर की ऊंचाई हासिल कर सकते हैं और 200 किलोमीटर के उड़ान क्षेत्र का लुत्फ ले सकते हैं।

बड़ी उपलब्धि
सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह भारत पैरा-ग्लाइडिंग विश्व कप की मेजबानी करने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया है। शर्मा के मुताबिक बीर, बिलिंग में होने वाले इस आयोजन में दुनिया भर के 465 फ्री-फ्लायर भी जुटेंगे और उनकी मौजूदगी बिलिंग को एक श्रेष्ठ ग्लाइडिंग गंतव्य के रूप में स्थापित करेगा।

 

 

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