मृत हुआ लड़का 6 मिनट बाद हुआ जिंदा, साझा किया चौंकाने वाला अनुभव

लखनऊ  : मरने के बाद क्या कोई जिंदा हो सकता है और अगर वो वापस लौटता है तो उसका अनुभव कैसा होता है इसे साझा किया है बॉब ने जो छह मिनट मरने के बाद इस दुनिया में वापस लौट आया। पुनर्जन्म 

डेथ एक्सपीरियंस रिसर्च फाउंडेशन वेबसाइट पर बॉब ने अपने अनुभव को बताया है। यूके का रहने वाला छोटा लड़का बॉब स्विमिंग पूल में डूब गया। उसके चाचा जबतक उसे बाहर निकालते उसके पेट में पानी भर गया।

कोरोना : बिहार भी 31 मार्च तक लॉकडाउन

वेबसाइट के मुताबिक बेहोश होने के आधे मिनट पहले बॉब को एहसास हो गया था कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। लोग उसे पूल से बाहर निकाल लाए।

डेथ एक्सपीरियंस रिसर्च फाउंडेशन वेबसाइट पर बॉब ने अपने अनुभव को बताया है। यूके का रहने वाला छोटा लड़का बॉब स्विमिंग पूल में डूब गया। उसके चाचा जबतक उसे बाहर निकालते उसके पेट में पानी भर गया।

लेकिन बॉब को पुनर्जीवित होने में छह मिनट का वक्त लग गया। उसे चिकित्सिय रूप से मृत घोषित कर दिया गया था। लेकिन बॉब छह मिनट बाद वापस जीवन में लौट आया। बॉब ने बताया कि वो जीवन से पार चला गया था। स्पष्ट रूप से रहस्यमय या अनजान क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। जिसे वो देख और सुन सकता था।

बॉब की मानें तो जब वो शरीर से बाहर निकला तो वो देख पा रहा था कि उसके आसपास क्या चल रहा है।

उसे बताया,’ मैं पुल से पांच से छह फिट उपर था। मुझे याद है कि मैं अपने आप को कह रहा था कि ‘मैं ठीक हूं।’

मैं अच्छा महसूस कर रहा था, मैं उसे इंज्वाय कर रहा था। कोई दर्द नहीं था। मैं नीचे देख रहा था कि पुल के पास लोग भीड़ लगाए हुए हैं।

‘मुझे नहीं पता था कि वो कौन था। मैं नीचे देख रहा था लेकिन मैंने जो देखा वह बॉब नहीं था। मैं बॉब को जानता नहीं था। लेकिन मैं अभी भी था मैं डूबने से पहले भी था।’

छत्तीसगढ़ में नक्सली मुठभेड़ में सात जवान घायल

बॉब ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं बता कि इसे दूसरे तरीके से कैसे समझाया जा सकता है लेकिन मेरा विश्वास है कि हमारा शरीर मरता है लेकिन हम जिंदा रहते हैं।’

इसने आगे बताया, ‘जब मैं शरीर में वापस आया, बहुत दर्द था। लेकिन किसी भी तरह से मुझे पता था कि यह सिर्फ जीवन का दर्द है।’

कुछ विशेषज्ञ बॉब की बातों से इत्तेफाक रखते हैं। उनका मानना है कि शरीर मरता है लेकिन हम जिंदा रहते हैं।

कुछ सम्मानित वैज्ञानिकों के मुताबिक, क्वांटम यांत्रिकी शरीर की अंतिम मृत्यु के बाद चेतना को जीने की अनुमति देती है।

एरिजोना विश्वविद्यालय के स्टुअर्ट हैमरॉफ़ और ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी सर रोजर पेनरोस का मानना है कि यह केवल क्वांटम स्तर पर संग्रहीत जानकारी है।

‘अगर रोगी को पुनर्व्यवस्थित किया जाता है, पुनरुद्धार किया जाता है, तो यह क्वांटम जानकारी माइक्रो-ट्यूबल में वापस जा सकती है और रोगी कहता है, ‘मेरे पास निकट-मृत्यु अनुभव था।’

हैमरॉफ़ के मुताबिक, ‘अगर वे पुनर्जीवित नहीं होते हैं और रोगी मर जाता है, तो यह संभव है कि यह क्वांटम जानकारी शरीर के बाहर मौजूद हो, शायद अनिश्चित काल तक, एक आत्मा के रूप में।’

Back to top button