पहाड़ी टमाटर इन दिनों उत्तर प्रदेश में बढ़ा रहा खाने का जायका, पढ़े पूरी खबर

उत्तराखंड का पहाड़ी टमाटर इन दिनों उत्तर प्रदेश में खाने का जायका बढ़ा रहा है। इससे प्रदेश के किसानों को तो लाभ हो रहा है, लेकिन दून में टमाटर के भाव चढ़े हुए हैं। देहरादून मंडी से ही हर रोज तकरीबन एक हजार कुंतल टमाटर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों को भेजा जा रहा है। मैदानी इलाकों में बारिश के कारण टमाटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके उलट देहरादून के आसपास उत्तरकाशी और टिहरी के सीमांत गांवों में इन दिनों टमाटर की बंपर पैदावार हो रही है। 

जौनसार बावर, चकराता, कालसी, नैनबाग, डामटा, पुरोला, नौगांव, सकलाना समेत अन्य क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में टमाटर देहरादून और विकासनगर की मंडियों में पहुंच रहा है। इसमें से हर रोज 1000 से 1200 कुंतल टमाटर उत्तर प्रदेश भेजा रहा है। इससे स्थानीय किसानों को अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। पहले दून से टमाटर दिल्ली भी भेजा जाता था, लेकिन कोरोना के चलते इस बार उत्तर प्रदेश पर ही फोकस किया जा रहा है। चकराता के किसान नरेंद्र पंवार बताते हैं कि इस बार टमाटर का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। ऐसे में हर रोज चकराता से करीब 15 वाहनों में टमाटर विकासनगर और देहरादून भेजा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के आढ़ती भी उनसे सीधे माल खरीद रहे हैं। 

इन आढ़तियों से उन्हें स्थानीय मंडी से बेहतर दाम मिल रहे हैं। दून में टमाटर 50 पार वहीं, दून के बाजारों में टमाटर के दाम में उछाल बना हुआ है। यहां आवक कम होने से टमाटर थोक में 35 से 40 रुपये किलो की दर से बिक रहा है, जबकि बाजार में 55 से 60 रुपये में टमाटर बेचा जा रहा है। मंडी के अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ों से आपूर्ति बढ़ रही है। जल्द ही दाम नियंत्रण में आने की संभावना है।

मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि मंडी में पहाड़ से काफी टमाटर आ रहा है, लेकिन किसान ज्यादातर माल सीधे बाहर के व्यापारियों को बेच रहे हैं। इससे दून में टमाटर की उपलब्धता थोड़ी कम हुई है। अन्य प्रदेशों में बारिश के कारण टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इससे दाम में भी उछाल चल रहा है।

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