पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अम्फान ने जमकर मचाई तबाही, तस्वीरें देख कांप जाएगी आपकी रूह

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सुपर साइक्लोन अम्फान ने जमकर तबाही मचाई है. दोनों स्थानों पर 130 से 185 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चली हैं. पेड़ उखड़ गए. बिजली के पोल जमीन पर आ गिरे. चीजें हवा में उड़ रही थी. कारें पानी में तैर रही थीं. कुछ ऐसा नजारा था जब अम्फान बर्बादी करने पर उतारू था.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था. पश्चिम बंगाल में 10-12 और ओडिशा में 3 लोगों के मारे जाने की खबर है.

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दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गई हैं. अम्फान तूफान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाई है. दोनों राज्यों में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. देर रात तक तेज बारिश और तूफानी हवाएं दोनों राज्यों को झकझोरती रही.

दोनों राज्यों के लोगों ने ऐसी अंधड़ बीते कई सालों में न किसी ने देखा न सुना. हवा की रफ्तार ऐसी थी मानो धरती पर जो कुछ भी है सब उखाड़कर उड़ा ले जा रही हो. अम्फान तूफान ने ओडिशा और बंगाल के लोगों को चंद घंटों में ही कयामत की झलक दिखा दी. 

तूफान की रफ्तार जब तक थमी, कोलकाता में सबकुछ उलट पुलट हो चुका था. शहर में चारों तरफ पानी भर चुका था. गाड़ियां नावों की तरह तैर रही थी. सड़कों पर पेड़ उखड़े पड़े थे. बड़े-बड़े होर्डिंग, बिजली के पोल औंधे मुंह गिरे हुए थे.

बुधवार रात तक जब तूफान पूरे शबाब पर था. हावड़ा ब्रिज भी इसके आगे नतमस्तक हो चला. आंधी के झोंकों ने पुल को ऊपर से लेकर नीचे तक कुछ इस तरह अपने आगोश में ले लिया कि पुल दिखना ही बंद हो गया. हावड़ा में तूफानी हवाओं के जोर से एक स्कूल की छत ही उड़ गई.

तबाही का मंजर बंगाल में कई जगहों पर है, तूफान के गुजर जाने के बाद उसके गहरे निशान हर तरफ पसरे हैं. राहत टीमें टूटे पेड़ों को सड़कों से हटाने में जुटी हैं, लेकिन काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. सड़कों पर पानी भरा होने के चलते राहत काम में और भी मुश्किल आ रही है.

बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी, जबकि कई घंटे बाद तक कोलकाता शहर में 130 किमी प्रति घंटे की तक की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं.

अम्फान का सबसे ज्यादा कहर प. बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, मिदनापुर और कोलकाता में रहा. पश्चिम बंगाल में तूफान से तबाही कितनी हुई इसका हिसाब किताब अभी बाकी है, लेकिन सीएम ममता बनर्जी कह रही हैं कि 10-12 लोगों की मौत हुई है. उनका कहना है कि डीएम, एसपी और प्रशासन के अधिकारी जमीनी स्तर पर हैं.

बंगाल के मुकाबले ओडिशा में तूफान का कहर कुछ कम रहा. यहां ज्यादा असर बालासौर, भद्रक और केंद्रपाड़ा में दिखा लेकिन इन इलाकों में भी हवा की रफ्तार 110 किमी से ज्यादा नहीं रही. इसके बावजूद ओडिशा में अभी तक 3 लोगों की मौत की खबर है.

बंगाल और ओडिशा में करीब साढ़े 6 लाख लोग पहले ही सुरक्षित निकाले जा चुके थे. तूफान की चपेट में आने वालों की मदद के लिए एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बल भी तैनात थे. कई लोगों को अस्पताल भी पहुंचाया गया लेकिन सभी लोग इतने खुशकिस्मत नहीं रहे.

भुवनेश्वर मौसम विभाग के डायरेक्टर एचआर बिश्वास ने कहा कि अम्फान एक गंभीर चक्रवातीय तूफान की तरह गुजरा. गुजरते वक्त यह इसकी गति 155 से 165 किमी प्रति घंटे थी, जो बढ़कर 185 तक हो गई.

तूफान की रफ्तार से बंगाल के मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और जगतसिंहपुर सीधे प्रभावित हुए हैं. असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में भी तूफान का ऑरेंज अलर्ट है. 

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