

झींडा ने कहा कि इसने सिख कौम को सोचने पर मजबूर कर दिया है। श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने हमेशा पंज प्यारों को सिख कौम में सबसे ऊंचा स्थान दिया था, लेकिन मक्कड़ ने उन्हें केवल अपना मुलाजिम समझकर जिस तरीके से बर्खास्त किया है, इससे पूरे सिख जगत के सिखों के हृदय को गहरा आघात पहुंचा है।
अवतार सिंह मक्कड़ पंज प्यारों के आगे पेश होकर अपनी भूल बख्शाएं और माफी मांगें। साथ ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा सिख संगत को सौंपकर पंज प्यारों को बर्खास्त करने का फैसला रद करें।
उन्होंने कहा कि पंज प्यारों का कार्य नगर कीर्तनों में उनकी अगुवाई करना है व प्रचार करना मात्र है, परंतु वह ज्ञानी गुरबचन सिंह से पूछना चाहते हैं कि पंज प्यारों को सिख धर्म में श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने सर्वोच्च क्यों माना है।