“दालों की कीमतें काबू में करने के लिए बनाया जाएगा बफर स्टॉक”

phpThumb_generated_thumbnail (10)नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने देश में दाल की कीमतों, विशेषकर अरहर की कीमतों में हुई वृद्धि पर चिंता जताते हुए बुधवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति कम होने की वजह से दालें महंगी हो रही हैं।

जेटली ने कहा कि अरहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी बहुत बड़ी चिंता की बात है। इस वर्ष दलहन के उत्पादन में 20 लाख टन की कमी रही है और इसकी भरपाई आयात के जरिए की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में आयात किया है। वैश्विक स्तर पर भी दाल की कमी होने की वजह से आयात भी महंगा पड़ रहा है जिसकी वजह से कीमतें अधिक है।

जेटली ने कहा कि इस तरह की स्थिति से भविष्य में निपटने के लिए आयात के जरिए बफर स्टॉक बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन अभी का अपर्याप्त भंडार चिंता का विषय है और राज्यों से आग्रह किया गया है कि जो उपलब्ध भंडार है उसका उपायोग किया जाना चाहिए। सरकारी सहायता के बावजूद आयातित अरहर दाल की कीमत भी एक सौ रूपए प्रति किलो से अधिक होगी, जो 15 अक्टूबर से उपभोक्ताओं को उपलब्ध होगी।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय सूत्रों के अनुसार आयातित अरहर दाल की कीमत 110 रूपए से 120 रूपए प्रति किलो होने की संभावना है। इन दिनों अरहर दाल की कीमत 180 रूपए किलो तक पहुंच गई है। एमएमटीसी द्वारा आयातित अरहर की मुंबई और चेन्नई पहुंचने पर लागत प्रति किलो 79 रूपए आई है।

इस पर केन्द्र सरकार ने प्रति किलो 10 रूपए की सब्सिडी दी है जिससे इसकी कीमत 69 रूपए प्रति किलो पर आ गई है। आयातित दाल की बिक्री केन्द्रीय भंडार और मदर डेयरी की सफल आउटलेट से 15 अक्टूबर से दिल्ली में की जाएगी। केन्द्रीय भंडार नागपुर में अरहर दाल की पैकिंग कर रहा है।

जेटली ने कहा कि अरहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी बहुत बड़ी चिंता की बात है। इस वर्ष दलहन के उत्पादन में 20 लाख टन की कमी रही है और इसकी भरपाई आयात के जरिए की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में आयात किया है। वैश्विक स्तर पर भी दाल की कमी होने की वजह से आयात भी महंगा पड़ रहा है जिसकी वजह से कीमतें अधिक है।

जेटली ने कहा कि इस तरह की स्थिति से भविष्य में निपटने के लिए आयात के जरिए बफर स्टॉक बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन अभी का अपर्याप्त भंडार चिंता का विषय है और राज्यों से आग्रह किया गया है कि जो उपलब्ध भंडार है उसका उपायोग किया जाना चाहिए। सरकारी सहायता के बावजूद आयातित अरहर दाल की कीमत भी एक सौ रूपए प्रति किलो से अधिक होगी, जो 15 अक्टूबर से उपभोक्ताओं को उपलब्ध होगी।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय सूत्रों के अनुसार आयातित अरहर दाल की कीमत 110 रूपए से 120 रूपए प्रति किलो होने की संभावना है। इन दिनों अरहर दाल की कीमत 180 रूपए किलो तक पहुंच गई है। एमएमटीसी द्वारा आयातित अरहर की मुंबई और चेन्नई पहुंचने पर लागत प्रति किलो 79 रूपए आई है।

इस पर केन्द्र सरकार ने प्रति किलो 10 रूपए की सब्सिडी दी है जिससे इसकी कीमत 69 रूपए प्रति किलो पर आ गई है। आयातित दाल की बिक्री केन्द्रीय भंडार और मदर डेयरी की सफल आउटलेट से 15 अक्टूबर से दिल्ली में की जाएगी। केन्द्रीय भंडार नागपुर में अरहर दाल की पैकिंग कर रहा है।

 

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