…तो इसलिए कान्हा को इतनी पसंद है ये चीज़

हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण के जन्म दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में देशभर में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 2 और 3 सिंतबर को मनाया जा रहा है। पुराणों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जब-जब इस धरती पर पाप बढ़ेंगे तब-तब श्रीकृष्ण किसी न किसी अवतार में जन्म लेकर धरती से पापियों का नाश करेंगे।...तो इसलिए कान्हा को इतनी पसंद है ये चीज़

जन्माष्टमी के महापर्व पर कान्हा को झप्पन भोग लगते हैं। इसके अलााव अलग-अलग तरह से उनकी पूजा की जाती है। लेकिन इनका सबसे प्रिय भोग माखन मिश्री का है। लेकिन इन्हें माखन मिश्री इतनी पंसद क्यों है इसके बार में शायद ही किसी को पता होगा। तो आईए जानतें हैं क्यों बालगोपाल को इतना पंसद ही माखन मिश्री का भोग।

वृंदावन में श्रीकृष्ण एक नटखट बालक थे, और उन्हें बचपन से ही मक्खन बेहद पंसद था। कहा जाता है कि मैया यशोदा हर रोज स्वयं अपने हाथों से माखन मिश्री बनाकर कान्हां को खिलाती थीं। श्रीकृष्ण को माखन इतना पंसद था कि वह पूरे गांव में मथा हुआ माखन अपने बाल सखाओं के साथ चुराकर खा जाते थे, इसलिए उनका नाम बचपन में माखन चोर पड़ा था।

कान्हा के जन्मोत्सव के दिन यानि कि जन्माष्टमी पर कृष्ण भक्त मुख्य भोग के रूप में माखन मिश्री का भोग लगाते हैं। इसके अलावा भगवान के लिए छप्पन भोग भी बनाया जाता है जिसमें 56 तरह की व्यंजन (भोजन) शामिल होते हैं। भगवान को भोग लगाने के बाद इन सभी चीज़ों को भक्तों में बांट दिया जाता है और इस प्रसाद को ग्रहण करने बाद वे अपना व्रत भी तोड़ते हैं।

माना जाता है छप्पन भोग में से श्रीकृष्ण के सबसे ज्यादा पंसदीदा व्यंजन होते हैं अनाज, फल, ड्राई फ्रूट्स, मिठाई, पेय पदार्थ, नमकीन और आचार की श्रेणी में आने वाले आठ प्रकार की चीजें होती हैं । छप्पन भोग में सामान्य रूप से माखन मिश्री खीर और रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, मठरी, मालपुआ, मोहनभोग, चटनी, मुरब्बा, साग, दही, चावल, दाल, कढ़ी, घेवर, चीला, पापड़, मूंग दाल का हलवा, पकोड़ा, खिचड़ी, बैंगन की सब्जी, लौकी की सब्जी, पूरी, बादाम का दूध, टिक्की, काजू, बादाम, पिस्ता जैसी चीजें शामिल होती हैं ।

अगर कोई श्रद्धालु भक्त भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद में नहीं चढ़ा पाते हैं उनके द्वारा श्रद्धा पूर्वक माखन मिश्री एक मुख्य भोग चढ़ाने से ही भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं, और उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button