….तो इसलिए अपनी ही सरकार के खिलाफ नजर आए नवजोत सिंह सिद्धू

स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बजट सत्र के दौरान विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े नजर आए। विधानसभा में संसदीय मामलों के मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने जब विधायकों की प्रॉपर्टी रिटर्न संबंधी बिल पेश करके ध्वनिमत से वोटिंग मांगी तो सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा का साथ दिया, जो इस बिल में संशोधन लाना चाहते थे।
सदन में संसदीय मामलों के मंत्री ने विधायकों की तरफ से अपनी प्रॉपर्टी का पूरा विवरण कैलेंडर साल के जनवरी महीने में देने संबंधी बिल पेश किया। इस पर हुई बहस में भाग लेते हुए अमन अरोड़ा ने इसमें संशोधन की मांग करते हुए कहा कि प्रॉपर्टी रिटर्न की अवधि को जनवरी से दिसंबर बनाने के बजाय वित्तीय साल को रखा जाए जो एक अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है।
इसके अलावा उन्होंने अचल संपत्ति के साथ-साथ चल संपत्ति को शामिल करने की मांग की। ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि वित्तीय साल की प्रॉपर्टी रिटर्न के मुद्दे पर कानूनी माहिरों के साथ बातचीत की जाएगी और जरूरत पड़ी तो सरकार बिल को दोबारा विधानसभा में ले आएगी, लेकिन जब बात अचल के साथ चल संपत्ति की आई तो स्पीकर ने इस पर ध्वनिमत से वोटिंग करवाई। इस दौरान सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में हाथ खड़ा किया।
जब इस बारे में संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कैबिनेट में नवजोत सिंह सिद्धू ने बिल को पास करने में हामी भरी थी, तब उन्होंने किसी किस्म का विरोध नहीं किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कानूनी राय लेने के बाद बिल में संशोधन लाने की बात की थी।
ये बिल बिना बहस हुए पास
इसके अलावा सदन में पंजाब बिल्डिंग बाइलॉज का उल्लंघन करके निर्माण करने वालों को राहत देने संबंधी बिल, अमृतसर वाल्ड सिटी संशोधन बिल, बैलगाडिय़ों की दौड़ में बैलों को शामिल करने संबंधी लाए बिल बिना बहस के ही पास हो गए।