

बदमाशों ने उसे बेसबॉल के बैट और हॉकी स्टिक से पीटकर अधमरा कर दिया। पीड़ित ने जेल में बंद कैदियों पर जान से मारने की नीयत से हमला करवाने का आरोप लगाया है। छावला थाना पुलिस मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर फरार बदमाशों की तलाश कर रही है।जानकारी के मुताबिक योगेश (27) सपरिवार खैरा गांव में रहता है। वह तिहाड़ जेल में वार्डर के पद पर कार्यरत है। फिलहाल उसकी तैनाती जेल संख्या एक में है। बुधवार सुबह साढे़ 11 बजे एक युवक ने उसके घर की कॉल बेल बजाई।
तिहाड़ जेल में दो गैंग के बीच 7 अक्तूबर को हुए खूनी संघर्ष के दौरान ड्यूटी पर मौजूद वार्डर पर जानलेवा हमला हुआ है। बुधवार सुबह बदमाशों ने छावला इलाके में वार्डर को घर से खींचकर उस पर जानलेवा हमला किया।
योगेश ने दरवाजा खोला। युवक ने योगेश से उसका नाम और तिहाड़ जेल में काम करने की बात पूछी। योगेश के तिहाड़ जेल में काम करने की बात कहते ही युवक ने उसे पकड़कर बाहर खींच लिया।बाहर खड़े चार-पांच युवक योगेश पर बेसबॉल के बैट और हॉकी स्टिक से टूट पड़े। युवकों ने योगेश को मारकर अधमरा कर दिया। शोर सुनकर योगेश की मां घर से बाहर निकली और आस-पास के लोग वहां पहुंचे।
लोगों को आते देख सभी आरोपी वहां से फरार हो गए। लोगों ने योगेश को जख्मी हालत में पास के अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसका उपचार चल रहा है।
जानलेवा हमले के लिए योगेश ने जेल में बंद कुछ कैदियों पर आरोप लगाया है। उसने बताया कि गत 7 अक्तूबर को तिहाड़ जेल संख्या एक में दो कैदियों के गुटों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था।इसमें ईश्वर और अनिल नाम के कैदी की मौत हो गई थी। घटना के समय उसकी ड्यूटी जेल संख्या एक में थी। कैदियों के बीच हुए संघर्ष के दौरान उसने कई कैदियों को काबू में किया था।
उसने आशंका जताई है कि इसी वजह से जेल में बंद कुछ कैदियों ने उससे खफा होकर अपने गिरोह के बदमाशों के जरिए उस पर जानलेवा हमला करवाया है। योगेश ने स्थानीय थाना पुलिस पर मामले की जांच में कोताही बरतने का आरोप भी लगाया है।