वित्त मंत्रालय ने एलआईसी और बैंकों को किया आगाह, टाटा विवाद से परेशान

नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की आपसी लड़ाई अब निवेशकों को परेशान करने लगी है। टाटा विवाद को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने एलआईसी (LIC) और बैंकों जैसे वित्तीय संस्थानों को एक बार फिर आगाह करते हुए, कहा कि निवेशक टाटा ग्रुप की तमाम हलचलों पर नजर बनाए रखें। वित्त मंत्रालय ने एलआईसी और बैंकों को किया आगाह, टाटा विवाद से परेशान

मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक, एलआईसी (LIC) के साथ बैंकों ने अपने जमाकर्ताओं की बड़ी पूंजी टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में निवेश कर रखी है। ऐसे में ये उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो लोगों का पैसा डूबने ना दें। मंत्रालय ने कहा है कि हम स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर अपनाएंगे, क्योंकि डिपॉजिटर्स के हित सबसे अहम हैं।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों को टाटा संस के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद के घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखनी चाहिए। क्योंकि टाटा ग्रुप बेशक देश की सबसे बड़ी और सम्मानित उद्योगों में से एक है। सूत्र के अनुसार, टाटा समूह की अलग -अलग कंपनियों में एलआईसी (LIC), ने 37,500 करोड़ रुपए निवेश कर रखा है।

एलआईसी (LIC), ने टाटा समूह की जिन कंपनियों में निवेश कर रखा है, उनमें टाटा स्टील में 13.6 फीसदी, टीसीएस में 3.2 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा टाटा पावर में एलआईसी की हिस्सेदारी 13.1 फीसदी, टाटा मोटर्स में 7.13 फीसदी, इंडियन होटल्स में 8.8 फीसदी और टाटा ग्लोबल बेवेरेजिस में 9.8 फीसदी हिस्सेदारी है।

गौरतलब हो कि बीते 24 अक्टूबर को रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाकर खुद कमान संभाल ली थी। और वो इस पद पर अगले 4 महीने तक बने रहेंगे। इसके साथ ही समूह के अगले चेयरमैन के लिए 5 लोगों की एक कमेटी का भी गठन कर दिया गया है, जो अगले साल फरवरी तक चेयरमैन का फैसला कर लेगी।

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