जल्द दिखेगा मौत का अखाड़ा जीतने वाले संग्राम सिंह का अगला ट्विस्ट

sangram-singh016_14434133पानीपत। यह हैं रोहतकजिले के गांव मदीना के संग्राम सिंह। इसी साल मौत का अखाड़ा जीतने और है, रोहतक जिले के गांव मदीना का छोरा। सिद्धांतों के चलते एक कोल्ड ड्रिंक कंपनी की तरफ से 1.40 करोड़ का विज्ञापन ठुकराने वाले इस हरियाणवी छाेरे जल्द ही एक नया ट्विस्ट देखने को मिलेगा। क्या होगा यह ट्विस्ट, आइए जानते हैं उनके अपने अनुभवों से।
 
बीते दिनों निर्देशक सुजीत मंडल की फिल्म ‘ट्विस्ट पे ट्विस्ट’ की घोषणा के वक्त संग्राम सिंह ने कहा कि इसमें काम करने के लिए वह काफी उत्साहित हैं, क्योंकि फिल्म की कहानी हरियाणवी है। संग्राम संग्राम ने कहा कि सुजीत मंडल ने काफी अच्छी फिल्में बनाई हैं। ‘‘निर्देशक के साथ पूरी टीम काफी मेहनत कर रही है, ताकि हम संयुक्त और कुशल तरीके से काम कर सकें।’’ वह इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे हैं, जो एक गांव का सीधा-साधा लड़का है। उनके अनुसार, यह किरदार उनके असल जीवन से काफी मिलता जुलता है। संग्राम मूल से हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले हैं। इससे पहले संग्राम टेलीविजन शो ‘बिग बॉस 7’ और ‘नच बलिए 7’ में भी नजर आ चुके हैं।
 
डब्ल्यूडब्ल्यूपी जीतकर जीता था मौत का वारंट
जुलाई 2015 में कॉमनवैल्थ गेम्स में संग्राम सिंह ने कनाडा के जो ई लीजेंड को हराकर नए डब्ल्यूडब्ल्यूपी कॉमनवेल्थ चैंपियन बनकर लौटे थे। इस चैंपियनशिप के लिए संग्राम सिंह को डेथ वारंट पर साइन करना पड़ा था। क्योंकि खेल के नियम के मुताबिक इस खेल में खिलाड़ी की जान भी जा सकती है, इसलिए खेल शुरू होने से पहले उन्हें अपने डैथ वारंट पर साइन करना पड़ता है कि अगर उन्हें खेल के दौरान कुछ होता है तो उसके लिए जिम्मेदार वो खुद होंगे।
बता दें कि संग्राम सिंह चोट के कारण पूरे तीन साल पहलवानी से दूर थे, ऐसे में उनकी यह जोरदार वापसी काफी मायने रखती थी। संग्राम सिंह के लिए यह मुकाबला काफी अहम था, क्योंकि वो पूरे तीन साल के लंबे ब्रेक के बाद इस बार रिंग में उतरे थे जहां उन्होंने साबित कर दिया कि लगन और मेहनत से हर मुकाबले को जीता जा सकता है।
 
 
यह बात भी उल्लेखनीय है कि जुलाई में दैनिक भास्कर में पटियाला से प्रकाशित एक खबर के मुताबिक संग्राम सिंह ने एक कोल्ड ड्रिंक कंपनी की तरफ से 1.40 करोड़ का विज्ञापन इसलिए ठुकरा दिया था कि यह सेहत के लिए ठीक नहीं है।
 
 
मरने मत दो, सपने के साथ जीना सीखो
उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जिंदा हैं जिंदा रहेंगे। वे कहा करते थे कि आप कहां से हो, ये मायने नहीं है। सपनों को मरने मत दो। बस उनके साथ जीना और जमकर काम करना सीखो। हर इनसान की सफलता के पीछे औरत का हाथ होता है। उसे जैंटलमैन भी औरत ही बनाती है, लेकिन आज समाज में महिलाओं का शोषण हो रहा है। शिक्षा से हमारी सोच बदलेगी।

 

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